दिल्ली ही नहीं चंडीगढ़ में प्रदूषण से बिगड़े हालात, AQI बेहद खराब श्रेणी में पहुंचा

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 केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और हरियाणा के कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता शुक्रवार को ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब में स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ‘समीर ऐप’ के अनुसार, चंडीगढ़ में सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 327 दर्ज किया गया।

हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में बृहस्पतिवार को एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया था। हरियाणा के कई हिस्सों में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही। सीपीसीबी के समीर ऐप पर सुबह 10 बजे उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, गुरुग्राम में एक्यूआई 323, भिवानी में 346, बल्लभगढ़ में 318, जींद में 318, करनाल में 313, कैथल में 334 और सोनीपत में 304 था।

जालंधर में AQI 241 दर्ज 

पंजाब के अमृतसर में एक्यूआई 225, लुधियाना में 178, मंडी गोबिंदगढ़ में 203, रूपनगर में 228 और जालंधर में 241 दर्ज किया गया। एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401-500 के बीच रहने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

अक्टूबर और नवंबर में धान की फसल की कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्सर दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने का कारण माना जाता है। चूंकि धान की कटाई के बाद रबी की फसल, गेहूं, की बुवाई का समय बहुत कम होता है, इसलिए कुछ किसान खेत को जल्द से जल्द साफ करने के लिए पराली यानी फसल के अवशेष जला देते हैं।

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