दिल्ली HC के चीफ जस्टिस बने न्यायमूर्ति मनमोहन, राज निवास में ली शपथ

justice manmohan takes oath as chief justice of delhi high court 1727627759387 16 9 kyM3Y3

न्यायमूर्ति मनमोहन ने रविवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने अपने सचिवालय राज निवास में हुए समारोह में 61 वर्षीय न्यायाधीश को शपथ दिलाई। समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर न्यायमूर्ति मनमोहन को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर माननीय न्यायमूर्ति मनमोहन को मेरी हार्दिक बधाई। मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में दिल्ली उच्च न्यायालय न्याय के सर्वोच्च आदर्शों को कायम रखेगा – निष्पक्षता, सहानुभूति और सत्यनिष्ठा के साथ न्याय प्रदान करेगा। इस महत्वपूर्ण भूमिका में आपको सफलता की शुभकामनाएं।’’

उपराज्यपाल सक्सेना ने भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर मुख्य न्यायाधीश मनमोहन को बधाई और समारोह की तस्वीरें साझा कीं। आम आदमी पार्टी (आप) के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह के लिए मुख्यमंत्री को छोड़कर दिल्ली सरकार के किसी भी कैबिनेट मंत्री को आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अतीत में हर बार मंत्रियों को आमंत्रित किया जाता था।

उपराज्यपाल कार्यालय ने एक बयान में कहा कि राज निवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री आतिशी, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय के अलावा दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और न्यायपालिका के वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के बाद न्यायमूर्ति मनमोहन को नौ नवंबर 2023 को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

न्यायमूर्ति मनमोहन प्रख्यात नौकरशाह सह राजनेता, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल और दिल्ली के उपराज्यपाल के पद पर रहे दिवंगत जगमोहन के बेटे हैं। उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने 11 जुलाई को न्यायमूर्ति मनमोहन को दिल्ली उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की अनुशंसा की थी। वह 16 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे।

केंद्र सरकार ने उन्हें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के प्रस्ताव को 21 सितंबर को मंजूरी दी थी। न्यायमूर्ति मनमोहन को 13 मार्च 2008 को दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह एक वरिष्ठ अधिवक्ता थे। 17 दिसंबर 2009 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति मनमोहन ने 1987 में अधिवक्ता के तौर पर पंजीकरण कराया था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के ‘कैंपस लॉ सेंटर’ से कानून की पढ़ाई की थी।