दिल्ली नगर निगर की स्थायी समिति के एक सदस्य का चुनाव आज, 27 सितंबर को होगा। गुरुवार देर रात को MCD कमिश्नर अश्विनी कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। उनके आदेश के बाद शुक्रवार को दोपहर 1 बजे चुनाव होगा। इससे पहले पूरे मामले पर 26 सितंबर को दिनभर नाटकीय घटनाक्रम चलता रहा। जहां मेयर शैली ओबेरॉय ने 5 अक्टूबर तक के लिए चुनाव स्थगित कर दिया था।
दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति का चुनाव पहले के तय समय के मुताबिक 26 सितंबर को होना था। मगर चुनाव नहीं हो सका। गुरुवार को वोटिंग के वक्त पार्षदों के मोबाइल फोन ले जाने पर लगाई रोक की वजह से शुरू हुआ विवाद देर रात तक जारी रहा। पार्षदों की तलाशी को लेकर हुए हंगामे के बाद महापौर शैली ओबेरॉय ने MCD स्टैंडिंग कमेटी की चुनाव टाल दिया। साथ ही सदन की बैठक में 5 अक्टूबर तक के लिए चुनाव स्थगित कर दी थी। हालांकि, LG विनय सक्सेना ने पूरे मामले पर हस्तक्षेप करते हुए एक बार फिर मेयर के फैसले को पलट दिया।
MCD कमिश्नर ने चुनाव के दिए आदेश
LG के आदेश के बाद एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार ने 27 सितंबर को दोपहर 1 बजे स्थायी समिति सदस्य चुनाव कराने का आदेश जारी किया है।। उन्होंने आदेश में लिखा, महापौर ने जवाब दिया कि चुनाव 5 अक्टूबर, 2024 को ही कराए जाएं और उस तिथि से पहले आयोजित कोई भी चुनाव अवैध और असंवैधानिक होगा और परिणाम शुरू से ही शून्य और अमान्य होगा। उप महापौर और वरिष्ठतम सदस्य ने मामले पर कोई जवाब नहीं दिया। मामला फिर से उपराज्यपाल के समक्ष उनके निर्देशानुसार रखा गया।
LG ने फिर पलटा मेयर का फैसला
MCD कमिश्नर ने बताया कि व्यापक जनहित में और नगर निकाय की लोकतांत्रिक भावना को बनाए रखने के लिए, उपराज्यपाल ने निर्देश दिया है कि उपरोक्त चुनाव 27/09/2024 को दोपहर 1:00 बजे कराए जाएं। इसके अलावा, उपराज्यपाल ने यह भी निर्देश दिया है कि जितेंद्र यादव, अतिरिक्त आयुक्त इस उद्देश्य के लिए रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में अध्यक्षता करेंगे। पूरी चुनाव प्रक्रिया की विधिवत वीडियोग्राफी की जा सकती है। मतदान की गोपनीयता बनाए रखने के लिए मतदान हॉल के अंदर मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
एक सीट के लिए बीजेपी-AAP में कांटे की टक्कर
बता दें कि पार्षद कमलजीत सहरावत के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद स्टैंडिंग कमिटी के एक सदस्य की सीट खाली है और इसी एक सीट के लिए महाभारत हो रहा है। अभी बीजेपी के स्टैंडिंग कमिटी में के 9 सदस्य हैं जबकि AAP के आठ सदस्य। ऐसे में अगर इस चुनाव में अगर AAP जीत जाती है तो उसके भी नौ सदस्य हो जाएंगे। वहीं, बीजेपी चाहती है कि उसका सदस्य ही जीते ताकि कमिटी में उसके सदस्य 10 हो जाएंगे और इस तरह कमिटि में उसका बहुमत ज्यादा होगा, जिसके बाद चेयरमैन भी उसी पार्टी का चुना जाएगा।
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