दूसरी तिमाही की सुस्ती ‘प्रणालीगत’ नहीं, सीतारमण ने कहा- तीसरी तिमाही में होगी भरपाई

Union Minister of Finance Smt. Nirmala Sitharaman addressing a press conference in July 2023 170004205133516 9 kt3I9z

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में आई सुस्ती ‘प्रणालीगत’ नहीं है और तीसरी तिमाही में बेहतर सार्वजनिक व्यय के साथ आर्थिक गतिविधि इस नरमी की भरपाई कर सकती है। जुलाई-सितंबर तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। वहीं अप्रैल-जून तिमाही में वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत थी।

इस सुस्ती के बीच रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। सीतारमण ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘यह प्रणालीगत सुस्ती नहीं है। यह सार्वजनिक व्यय, पूंजीगत व्यय और इसी तरह की अन्य गतिविधियों में कमी की वजह से है…मुझे उम्मीद है कि तीसरी तिमाही में इन सबकी भरपाई हो जाएगी।’

उन्होंने कहा कि…

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में वृद्धि आंकड़ों पर बुरा असर पड़ना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमें कई अन्य कारकों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।’ वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अगले साल और उसके बाद भी सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आम चुनाव और पूंजीगत व्यय में कमी के कारण पहली तिमाही में वृद्धि की रफ्तार सुस्त रही। इसका असर दूसरी तिमाही पर भी पड़ा है।

पहली छमाही में सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये के अपने पूंजीगत व्यय लक्ष्य का सिर्फ 37.3 प्रतिशत ही खर्च किया। सीतारमण ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों में वैश्विक मांग में स्थिरता भी शामिल है, जिसने निर्यात वृद्धि को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, ‘भारतीयों की क्रय शक्ति बढ़ रही है, लेकिन भारत के भीतर आपको वेतन में वृद्धि के स्थिर होने से जुड़ी चिंताएं भी हैं। हम इन कारकों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। इनका भारत की अपनी खपत पर प्रभाव पड़ सकता है।’

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