K-शेप्ड रिकवरी एक ऐसी स्थिति को दिखाता है जिसमें कुछ सेक्टर्स या लोगों का आर्थिक स्तर तेजी से सुधारता है, जबकि दूसरे हिस्सों की स्थिति कमजोर होती जाती है। अभी तक माना जा रहा है कि इस K-शेप्ड रिकवरी का ऊपरी हिस्सा यानी अधिक आय वाला कंज्यूमर्स वर्ग सुस्ती से अछूता है। लेकिन अब सौरभ मुखर्जी का कहना है कि इस सेगमेंट में भी दबाव के संकेत दिखने लगे हैं