उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि ऐसे समय में जब देश डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है, ‘‘कीमती’’ मेडिकल सीटें बर्बाद नहीं होनी चाहिए। न्यायालय ने प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रिक्त सीटों को भरने के लिए नये सिरे से काउंसलिंग आयोजित करें।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने दाखिल देने वाले प्राधिकारियों को विशेष काउंसलिंग आयोजित करने और 30 दिसंबर तक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने को कहा।
शीर्ष अदालत ने यह आदेश उन याचिकाओं पर विचार करते हुए दिया, जिनमें दाखिला देने वाले प्राधिकारियों को पांच दौर की काउंसलिंग के बाद भी खाली बची सीटों के लिए काउंसलिंग का एक विशेष दौर आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
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