नफ़रत भरी ऑनलाइन सामग्री को रोकना सेंसरशिप नहीं, मानवाधिकार उच्चायुक्त

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नफ़रत और आपसी दरारों को भड़काने वाले सोशल मीडिया सन्देशों के दुष्परिणाम आम जीवन में भी देखे जा सकते हैं, और इसलिए ऑनलाइन सामग्री को नियमों के दायरे में लाना एक अहम दायित्व है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) ने अमेरिका में ‘मेटा’ कम्पनी द्वारा अपने तथ्य-सत्यापन कार्यक्रम को बन्द किए जाने की घोषणा पर यह बात कही है.