
ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध का सबसे बड़ा ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है, वहाँ के आम लोगों को, जो बेहद ख़तरनाक हालात में बार-बार विस्थापन की त्रासदी से गुज़र रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएँ भी हैं, जो उचित स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में अनगिनत जोखिमों का सामना करने के लिए मजबूर हैं. संयुक्त राष्ट्र की यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी – UNFPA, इन महिलाओं तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने की पुरज़ोर कोशिश कर रही है. ख़तरनाक़ हालात में, UNFPA की मदद से अपने नवजात शिशु के जीवन के लिए संघर्ष करती एक माँ की आपबीती…