Coal Smuggling Case: पश्चिम बंगाल अवैध कोयला खनन मामले में तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) नेता अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने अवैध कोयला खनन से संबंधित एक कथित घोटाला मामले में ED की जांच के सिलसिले में उसके समन के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस नेता की याचिका सोमवार को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अभिषेक बनर्जी, उनकी पत्नी के खिलाफ ED के समन को बरकरार रखा है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कथित अवैध खनन और चोरी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering) मामले में ED द्वारा उनके खिलाफ जारी किए गए समन और कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया। ये पूरा मामला ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (EML) के क्षेत्रों में कोयला खनन का है। जिसपर न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाया। पीठ ने 13 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
दिल्ली में पेश होने का आदेश
जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच ने PMLA की धारा 50 के तहत दंपति को ED द्वारा 10 सितंबर, 2021 को जारी समन की वैधता को बरकरार रखा। कोर्ट ने दोनों को नई दिल्ली में जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा है। तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि उसके महासचिव अभिषेक बनर्जी के खिलाफ ED की कार्रवाई केंद्र की बदले की राजनीति के तहत की जा रही है।
क्या थी अभिषेक बनर्जी की याचिका?
तृणमूल कांग्रेस सांसद और उनकी पत्नी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED द्वारा की जा रही जांच के संबंध में उसके समन को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि ED नई दिल्ली में उनसे पूछताछ के लिए उनकी मौजूदगी की मांग नहीं कर सकती और यह कोलकाता स्थित उनके आवास पर होना चाहिए। ED ने अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को राज्य में ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के पट्टे वाले क्षेत्र में कथित कोयला चोरी और अवैध खनन के संबंध में समन जारी किया था।
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