पीयूष गोयल ने गुवाहाटी में चाय उद्योग के हितधारकों के साथ बातचीत की

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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को चाय उद्योग के प्रतिनिधियों से बातचीत की। केंद्रीय मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि केंद्र इस क्षेत्र के समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और उद्योग मंत्री बिमल बोरा भी मौजूद थे। साथ ही विभिन्न राज्यों के खरीदार, उत्पादक और छोटे चाय उत्पादक समेत अन्य हितधारक भी मौजूद थे।

गोयल ने कहा कि उन्होंने उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों का संज्ञान लिया है और वे मुद्दों को हल करने के लिए आगे विचार-विमर्श करेंगे। सरमा ने कहा कि राज्य सरकार असम के चाय उद्योग के सामने मौजूद बड़ी चुनौतियों से अवगत है और इसके समाधान के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

उत्तर पूर्वी चाय संघ (एनईटीए) के चेयरमैन अजय ढंढारिया ने अपने प्रस्तुतीकरण में असम चाय उद्योग के समक्ष आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर प्रकाश डाला। इनमें सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से 100 प्रतिशत धूल ग्रेड का मार्ग, अधिकतम अवशेष सीमा, सार्वजनिक नीलामी की दक्षता, 30 दिसंबर तक उत्पादन को समय से पहले बंद करना, चाय की प्रति व्यक्ति कम खपत, भारत से निर्यात में स्थिरता और जलवायु परिवर्तन आदि शामिल हैं।

इस बीच, पूर्वोत्तर परिसंघ लघु चाय उत्पादक संघ (एनईसीएसटीजीए) ने 15वें वित्त आयोग की विकास एवं संवर्धन योजना के तहत छोटे चाय उत्पादकों को धनराशि के वितरण को और अधिक सुव्यवस्थित बनाने की मांग की।

एनईसीएसटीजीए के अध्यक्ष दिगंत फुकन ने कहा कि संगठन ने यह भी मांग की है कि टोकलाई चाय अनुसंधान संस्थान (टीटीआरआई) को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जाए ताकि वह छोटे चाय उत्पादकों के लिए जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर सके।

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