PM Modi on Ratan Tata: आज से ठीक एक महीना पहले भारत ने अपना अनमोल ‘रत्न’ खोया था। दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा के निधन को एक महीना हो गया है। इस मौके पर PM मोदी ने उन्हें याद करते हुए एक खास लेख लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा कि रतन टाटा का दुनिया छोड़कर जाने की पीड़ा को भूल पाना आसान नहीं है।
पीएम मोदी ने लेख के जरिए बताया कि जब उन्हें रतन टाटा के निधन की खबर मिली थी तब वह आसियान समिट (ASEAN Summit) के लिए निकलने की तैयारी में थे। उन्होंने कहा कि रतन टाटा के हमसे दूर चले जाने की वेदना अब भी मन में है। उनके जाने से भारत ने अपने एक महान सपूत खो दिया है, एक अमूल्य रत्न को खो दिया है।
‘आज भी उन जिंदगियों और सपनों में जीवित, जिन्हें…’
टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष को श्रद्धांजलि देते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि उनकी कमी न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह आज भी उन जिंदगियों और सपनों में जीवित हैं, जिन्हें उन्होंने सहारा दिया और जिनके सपनों को साकार किया। भारत को एक बेहतर, सहृदय और उम्मीदों से भरी भूमि बनाने के लिए आने वाली पीढ़ियां उनकी सदैव आभारी रहेंगी।
उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए रतन टाटा एक प्रेरणास्रोत थे, जो याद दिलाते हैं कि कोई सपना ऐसा नहीं जिसे पूरा न किया जा सके। उन्होंने कहा कि रतन टाटा ने सभी को सिखाया है कि विनम्र स्वभाव के साथ दूसरों की मदद करते हुए भी सफलता पाई जा सकती है।
‘युवाओं के लिए रतन टाटा एक प्रेरणास्रोत थे’
PM मोदी ने अपने लेख में रतन टाटा को युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने लिखा कि वह यह याद दिलाते हैं कि कोई सपना ऐसा नहीं जिसे पूरा न किया जा सके। रतन टाटा ने सभी को सिखाया है कि विनम्र स्वभाव के साथ दूसरों की मदद करते हुए भी सफलता पाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि दूसरों के लिए वह भारतीय उद्यमशीलता की बेहतरीन परंपराओं के प्रतीक थे और विश्वसनीयता, उत्कृष्टता और बेहतरीन सेवा जैसे मूल्यों के अडिग प्रतिनिधि थे। टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह दुनियाभर में सम्मान, ईमानदारी और विश्वसनीयता का प्रतीक बनकर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा। इसके बावजूद उन्होंने अपनी उपलब्धियों को पूरी विनम्रता और सहजता के साथ स्वीकार किया।
26/11 आतंकी हमले का भी किया जिक्र
PM मोदी ने अपने लेख में 26/11 आतंकी हमले का भी जिक्र किया, जब मुंबई में ताज होटल पर अटैक किया गया था। उन्होंने रतन टाटा की देशभक्ति को सलाम करते हुए कहा कि यह संकट के समय में सबसे अधिक चमकी। 26/11 आतंकवादी हमलों के बाद उनके द्वारा मुंबई के प्रतिष्ठित ताज होटल को पूरी तत्परता के साथ फिर से खोलना इस राष्ट्र के एकजुट होकर उठ खड़े होने का प्रतीक था। उनके इस कदम ने बड़ा संदेश दिया कि भारत रुकेगा नहीं, भारत निडर है और आतंकवाद के सामने झुकने से इनकार करता है।
इस लेख में पीएम मोदी ने रतन टाटा संग अपने व्यक्तिगत संबंधों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला। हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया। वहां उनकी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया गया। इनमें कई ऐसी परियोजनाएं भी शामिल थीं, जिसे लेकर वे बेहद भावुक थे।
उन्होंने कहा कि जब मैं केंद्र सरकार में आया, तो हमारी घनिष्ठ बातचीत जारी रही और वो हमारे राष्ट्र-निर्माण के प्रयासों में एक प्रतिबद्ध भागीदार बने रहे। स्वच्छ भारत मिशन के प्रति रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था। वह इस जन आंदोलन के मुखर समर्थक थे। वह इस बात को समझते थे कि स्वच्छता और स्वस्थ आदतें भारत की प्रगति की दृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण हैं।
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