
Devkinandan Thakur: कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर बड़ा बयान दिया है। देवकीनंदन ठाकुर ने यूनाइटेड नेशन को बांग्लादेश के मुद्दे पर पत्र लिखा है और चेतावनी दी है कि अगर बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित नहीं तो भारत में भी बांग्लादेशी सुरक्षित नहीं रहेंगे। देवकीनंद ठाकुर ने यहां तक कह दिया है कि एक अलग हिंदू बांग्लादेश बनना चाहिए।
वाराणसी में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने बांग्लादेश के मुद्दे पर यूनाइटेड नेशन को पत्र लिखकर उसकी प्रासंगिकता पर सवाल खड़े किए। यूनाइटेड नेशन को लिखे लेटर में देवकीनंदन ठाकुर ने कहा- ‘यूएन का गठन इसलिए हुआ कि पूरे विश्व में अगर मानवता पर आपत्ति आएगी, कोई नरसंहार करेगा तो यूएन उसके विरोध में खड़ा होगा। हालांकि संयुक्त राष्ट्र इस समय मौन है। बांग्लादेश में क्या नहीं हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र को इसमें दखल देना चाहिए। उसे बांग्लादेश में अपनी सेना भेजनी चाहिए।’ देवकीनंदन ठाकुर यहां तक कहते हैं कि अगर यूएन बांग्लादेश में कुछ नहीं कर सकता है तो उसका अस्तित्व समाप्त हो जाना चाहिए।’
बांग्लादेश में अलग हिंदू देश- देवकीनंदन ठाकुर
बांग्लादेश में अलग हिंदू बांग्लादेश बनाने की मांग देवकीनंदन ठाकुर ने की है और कहा कि बांग्लादेश से हिंदू पलायन रुकना चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से हिंदू हटेंगे नहीं, बल्कि वहीं पर एक अलग हिंदू बांग्लादेश बनना चाहिए। देवकीनंदन ठाकुर ने बांग्लादेश को चेतावनी दी कि यदि वो हिंदुओं पर अत्याचार बंद नहीं करेंगे तो भारत में रह रहे बांग्लादेशियों को भी चैन से नहीं रहने देंगे। देवकीनंदन ठाकुर ने ANI से बात करते हुए कहा कि अब हिंदू जाग चुका है और जिस दिन बांग्लादेश के खिलाफ उठ खड़ा होगा उस दिन बांग्लादेश को कहीं जगह नहीं मिलेगी।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी अत्याचार
बांग्लादेश में कुछ समय पहले शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट होने के बाद से हिंदू टारगेट पर है। मौजूदा समय में बांग्लादेश में मोहम्मद युनुस अंतरिम सरकार चला रहे हैं, लेकिन कहना गलत नहीं होगा कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर उन्होंने अपनी आंखें बंद कर ली हैं। 200 से ज्यादा हिंदू मंदिरों को बांग्लादेश में तोड़ा जा चुका है।
अभी कुछ दिन पहले 25 नवंबर को इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को पुलिस उठा ले गई। 29 नवंबर को, जब आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी चिन्मय कृष्ण प्रभु से मुलाकात कर लौट रहे थे, तो उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बांग्लादेश में इसी तरह हिंदुओं की गिरफ्तारी, जबरन सरकारी पदों से इस्तीफे कराए जा रहे हैं। महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार की आए दिन घटनाएं हो रही हैं। हालांकि भारत सरकार और भारत के हिंदू लगातार इसके विरोध में आवाज उठा रहे हैं।
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