बंगाल: दुर्गा पूजा पंडाल के बाहर प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार नौ युवकों को अदालत ने दी अंतरिम जमानत

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West Bengal News: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उन नौ युवकों को अंतरिम जमानत दे दी जिन्हें आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में नौ अक्टूबर को दुर्गा पूजा पंडाल के बाहर ‘‘हमें न्याय चाहिए’’ के ​​नारे लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

अलीपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने नौ लोगों को बृहस्पतिवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। युवकों के रिश्तेदारों द्वारा दायर याचिका की समीक्षा करने के बाद न्यायमूर्ति शम्पा सरकार की एकल पीठ ने युवकों को 1,000-1,000 रुपये के मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी।

‘पुलिस 15 नवंबर तक उनके खिलाफ कार्रवाई न करे’

अदालत ने कहा कि उनके प्रदर्शन का उद्देश्य नफरत फैलाना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होना नहीं था। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ये युवक दुर्गा पूजा पंडालों के 200 मीटर के दायरे में नहीं जाएंगे और उन्हें सप्ताह में एक बार पुलिस थाने में रिपोर्ट करना होगा। उन्हें 15 अक्टूबर को ‘रेड रोड पूजा कार्निवल’ के दौरान कोई विरोध प्रदर्शन नहीं करने का भी निर्देश दिया गया। न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस 15 नवंबर तक उनके खिलाफ कार्रवाई न करे।

युवकों को बृहस्पतिवार शाम अलीपुर अदालत में पेश किया गया था जिसने उन्हें 17 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था। इनमें से अधिकतर की उम्र 20 वर्ष से अधिक है और केवल एक की उम्र 18 वर्ष है। उच्च न्यायालय ने कहा कि उनकी उम्र कम है और इसलिए उन्होंने शायद किसी खास पूजा समिति के पंडाल में विरोध प्रदर्शन करना चुना होगा, जिसने सार्वजनिक रूप से ऐसे प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा रखा है।

अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया, उनकी हरकतें न तो राजनीति से प्रेरित थीं, न ही उनके किसी आपराधिक इरादे का कोई सबूत था क्योंकि उन्होंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। सरकारी वकील ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि युवकों ने पर्चे बांटकर और नारे लगाकर सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन किया है और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जिससे ऐसे समय में त्योहारों में शांति भंग हो सकती है, जब हजारों लोग पंडालों में आते हैं।

पुलिस ने युवकों को दुर्गा पूजा पंडाल से किया था गिरफ्तार 

उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी संभावित बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए आगे की जांच और पूछताछ की जरूरत है। इसके जवाब में उच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि सभी को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने का अधिकार है, जब तक कि इससे जनता की सुरक्षा को खतरा न हो। अदालत ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को अंतरिम जमानत आदेश को तुरंत लागू करने और युवकों को रिहा करने का निर्देश दिया।

पुलिस ने युवकों को बुधवार शाम दक्षिण कोलकाता के एक दुर्गा पूजा पंडाल से गिरफ्तार किया था, जहां वे आरजी कर अस्पताल मामले की पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन के समर्थन में पर्चे बांट रहे थे एवं नारे लगा रहे थे।

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