Wolf Attack in Bahraich: उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों का आतंक थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब तक ये खूंखार भेड़िए 10 लोगों को अपना निवाला बना चुके हैं। वन विभाग की टीम इन्हें पकड़ने के लिए लगातार अपनी रणनीति बदल रही है, इसके बावजूद भेड़िए पकड़ से बाहर हैं। हालांकि कुछ भेड़ियों को पकड़ा जरूर गया है, लेकिन बचे बाकी भेड़ियों ने दहशत मचा रखी है। अब हाल ही में आदमखोर भेड़िए ने एक बार फिर 10 साल के मासूम बच्चे पर जानलेवा हमला कर दिया।
गुरुवार (5 सितंबर) की रात देहात कोतवाली क्षेत्र के गौलावा मौजा यादवपुर निवासी कलाल यादव के10 साल के बेटे संगम पर भेड़िए ने फिर हमला करके उसे घायल कर दिया। बताया जा रहा है कि जब बच्चा अपने घर के दरवाजे पर खड़ा था तभी भेड़िए ने जानलेवा हमला कर दिया। भेड़िए के हमला करते ही बच्चा डर के मारे जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने लगा। उसकी आवाज सुनकर परिजन दौड़ पड़े। चिल्लाहट की आवाज सुनकर भेड़िया भाग निकला। बच्चे के गाल पर भेड़िए के नाखूनों के निशान है। हमले के बाद आनन-फानन में बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गनीमत रही कि बच्चे को कुछ नहीं हुआ, नहीं तो बच्चे की जान पर बन आ सकती है।
वन संरक्षक ने लिया तलाशी अभियान का जायजा
वहीं मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह ने बहराइच के हरबक्श पुरवा गांव पहुंचकर भेड़ियों के लिए चलाए जा रहे तलाशी अभियान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘भेड़ियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है। हमने अब तक 4 भेड़ियों को पकड़ा है। 2 भेड़ियों को पकड़ना अभी बाकी है। हमने उस क्षेत्र का मानचित्रण किया है, जिसमें भेड़ियों ने बच्चों पर हमला किया है और उन्हें तीन सेक्टरों में विभाजित किया है। थर्मल ड्रोन का उपयोग करके हम भेड़ियों को ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं।’
प्रभावित क्षेत्र में ‘वन्यजीव आपदा’ घोषित
मत्स्य पालन मंत्री संजय कुमार निषाद ने न्यूज एजेंसी को बताया कि बहराइच जिले की महसी तहसील में मानव-भेड़िये संघर्ष के बीच यूपी सरकार ने प्रभावित क्षेत्र में इसे ‘वन्यजीव आपदा’ घोषित कर दिया गया है। गौरतलब है कि बहराइच में मार्च से ही भेड़ियों के हमले इंसानों पर हो रहे हैं। 17 जुलाई से जब बारिश का मौसम शुरू हुआ है, तब से हमले और भी बढ़ गए हैं।
अरुण सक्सेना ने हमलों पर की थी चर्चा
बता दें कि बुधवार (4 सितंबर) को बहराइच के दौरे पर पहुंचे वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना ने जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर भेड़ियों के किए जा रहे हमलों पर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद उन्होंने अस्पताल का दौरा भी किया और हमले में घायल ग्रामीणों का हालचाल जाना। इस दौरान अस्पताल प्रशासन को अच्छा उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इस मौके पर सक्सेना ने मीडिया से कहा, ‘मानव जीवन अमूल्य है, इसलिए मनुष्यों पर हमला करने वाले भेड़ियों को पकड़ने का आदेश जारी किया गया है। इसके लिए देहरादून से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है। भेड़ियों को पकड़ने के लिए स्थानीय स्तर पर भी टीमें बढ़ा दी गई हैं। उम्मीद है कि जल्द ही जानवरों को पिंजरे में बंद कर दिया जाएगा या जरूरत पड़ने पर गोली मार दी जाएगी।’
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