बांग्लादेश में चरम पर थी हिंसा; हिंदू-मुस्लिम सब आए आगे, ढाकेश्वरी मंदिर पर नहीं आने दी आंच

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने जब देश छोड़ा, तो यहां पर कोई आने वाला नहीं था। पुजारी ने कहा, ‘उस समय पुलिस भी यहां तैनात नहीं थी। राजनीतिक अराजकता के बीच सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया था।’