श्रीकांत चौहान ने कहा कि अगर बाजार में दिखी ओवरऑल वीकनेस की बात करें तो इस में 50 फीसदी योगदान ग्लोबल माइक्रोज का था। जबकि, 50 फीसदी योगदान घरेलू बाजार में अर्निंग्स और वैल्यूएशन का था। इंडियन डोमेस्टिक मैक्रोज पर नजर डालें तो काफी हद तक ये स्थिर और अच्छे हैं। तीसरी तिमाही के नतीजे भी पहले से कुछ अच्छे रहे हैं