Republic Bharat Exclusive: बाबा सिद्दिकी हत्याकांड से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। Republic Bharat के पास दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और मुंबई पुलिस की शुरुआती जांच से मिसी सबसे सटीक और पुख्ता जानकारी मौजूद है। स्पेशल सेल ने मुंबई पुलिस के साथ जो जानकारियां साझा की हैं, उनके अनुसार इस हत्याकांड का उद्देश्य सिर्फ बाबा सिद्दिकी को निशाना बनाना नहीं था, बल्कि सलमान खान सहित मुंबई और बॉलीवुड इंडस्ट्री में दहशत फैलाना भी था। इसके साथ ही, अंडरवर्ल्ड और दाऊद इब्राहिम तक भी एक संदेश पहुंचाना था।
शूटर्स ने पूरे 28 दिनों में 5 बार बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर की रेकी की थी। वे कई घंटों तक वहां रुकते और बाबा की हर गतिविधि पर नजर रखते थे। प्लानिंग बहुत ही बारीकी से की गई थी और अंत में दशहरे का दिन हत्याकांड के लिए चुना गया। पुलिस इस बात से हैरान है कि दशहरे के दिन, जब पूरे मुंबई में सख्त सुरक्षा व्यवस्था और बेरिकेट्स लगे होते हैं, तब शूटर्स ने इस वारदात को अंजाम दिया।
ऑपरेशन के पीछे की साजिश
मुंबई के बाहर से इस पूरी साजिश को जीशान अख्तर ने कॉर्डिनेट किया था, जो वारदात के वक्त मुंबई में मौजूद नहीं था। शूटर्स को शुभम का भाई प्रवीण पुणे से मुंबई लेकर आया था। इस ऑपरेशन के लिए शूटर्स को पैसे शुभम ने दिए थे, जबकि बाबा सिद्दिकी को मारने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार पंजाब से लाए गए थे। शक जताया जा रहा है कि 9MM की पिस्टल विदेशी है और यह पाकिस्तान या नेपाल से जीशान तक पहुंची थी।
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पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग
मौके पर पकड़े गए 2 शूटर्स के पास से तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिनमें कई ऐसे नंबर मिले हैं जो बिना सेव के डायल किए गए थे। पुलिस अब उन नंबरों की जांच कर रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि शिव को लॉरेंस बिश्नोई के गैंग से सिग्नल, टेलीग्राम, और स्नैपचैट के जरिए आदेश मिल रहे थे, जिसे वह अन्य शूटर्स के साथ साझा कर रहा था।
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सुरक्षा में चूक या साजिश?
हत्याकांड के वक्त बाबा सिद्दिकी की सुरक्षा में दो गार्ड तैनात थे, लेकिन घटना के ठीक पहले उनकी शिफ्ट चेंज हो रही थी। फायरिंग के वक्त एक सुरक्षा गार्ड बाबा के साथ था, लेकिन उसने कोई जवाबी फायरिंग क्यों नहीं की, यह अब जांच का विषय है।