बाबा सिद्दीकी की हत्या को कैसे दिया अंजाम? बहराइच से पकड़े गए शूटर शिवकुमार ने खोला एक-एक राज

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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में आज (10 नवंबर) को बड़ी सफलता हाथ लगी। हत्याकांड के बाद से फरार चल रहे मुख्य आरोपी और शूटर शिवकुमार बहराइच से धर दबोचा गया। गिरफ्तार आरोपी ने पुलिस के साथ पूछताछ में मामले को लेकर बड़े खुलासे किए है।

शूटर शिवकुमार ने बताया है कि कैसे वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आया और उसने बाबा सिद्दीकी की हत्या को अंजाम दिया।

बहराइच से पकड़ा गया शूटर शिवकुमार

रविवार को यूपी STF के साथ मुंबई पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में शूटर शिवकुमार को गिरफ्तार किया गया। शिवकुमार वही शख्स था जिसने बाबा सिद्दीकी को गोली मारी थी। उसके दो साथ‍ियों धर्मराज और शूटर गुरमेल सिंह को पुलिस ने उसी समय ग‍िरफ्तार कर लिया गया था। शिवकुमार हत्याकांड को अंजाम देने के बाद फरार हो गया था। हालांकि अब वो पकड़ में आ गया है।

अनमोल बिश्नोई के इशारे पर की हत्या

पुलिस से पूछताछ में बाबा सिद्दीकी हत्याकांड को लेकर शिवकुमार ने कई बड़े खुलासे किए है। उसने बताया कि वह कैसे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आया। आरोपी शिवकुमार ने बताया कि मैं और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले है। पूना में मैं स्क्रैप का काम करता था। मेरी और शुभम लोनकर की स्क्रैप की दुकान अगल-बगल थी। शुभम लोनकर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता है। उसने मेरी बात स्नैपचैट के जरिए लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से कई बार कराई है।

आरोपी ने बताया कि मुझे यह बताया गया था कि हत्या के बाद 10 लाख रुपये तुम्हें मिलेंगे और हर महीने तुम्हें कुछ न कुछ मिलता ही रहेगा। हत्या के लिए हथियार और कारतूस, सिम-मोबाइल फोन शुभम लोनकर और मोहम्मद यासीन अख्तर ने हम लोगों को दिया था। हत्या के बाद आपस में बात करने के लिए तीनों शूटरों को नए सिम और मोबाईल फोन भी दिए गए थे।

हत्या से पहले कई दिन की रैकी और फिर…

शिवकुमार के मुताबिक हत्याकांड को अंजाम देने के लिए वह मुंबई में कई दिनों से बाबा सिद्दीकी की रैकी कर रहे थे। 12 अक्टूबर को सही समय मिलने पर हम लोगों ने बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी। उस दिन त्योहार होने की वजह से पुलिस और भीड़-भाड़ भी थी, जिसके कारण दो लोग मौके पर पकड़ लिए गए थे और मैं फरार हो गया था।

नेपाल भागने की फिराक में था शिवकुमार

शिवकुमार ने कहा कि इसके बाद मैंने फोन रास्ते में फेंक दिया था और मुंबई से पूना चला गया था। पूना से झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंचा था। बीच-बीच में मैं अपने साथियों और हैंडलर्स से किसी का भी फोन मांग कर बात करता रहा।

आरोपी ने बताया कि किस तरह से वह नेपाल भागने की फिराक में था। उसने बताया कि मैंने ट्रेन से एक यात्री से फोन मांग कर  अनुराग कश्यप से बात की। उसने यह कहा था अखिलेंद्र, ज्ञान प्रकाश और आकाश ने मिलकर तुम्हारे नेपाल में छिपने की व्यवस्था कर ली है। इसीलिए मैं बहराइच आया था और अपने साथियों के साथ मिलकर नेपाल भागने की फिराक में था। बता दें कि शिवकुमार के साथ उसके चार सहयोगियों को भी पुलिस ने पकड़ा है। 

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