बिहार के चार शहरों–पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री एवं फोड़ने पर प्रतिबंध के बावजूद, दिवाली के एक दिन बाद हाजीपुर में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई।
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देश के बाद दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में हरित पटाखों सहित सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
राज्य के कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शुक्रवार को ‘खराब’ हो गया। हाजीपुर में एक्यूआई 332 पर पहुंचने के बाद वायु की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ रही।
विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की कम गति के कारण शुक्रवार को कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार बिहार के शहरों में हाजीपुर सबसे खराब एक्यूआई स्तर पर था। बोर्ड ने 265 शहरों का दैनिक ‘वायु गुणवत्ता सूचकांक’ (एक्यूआई) बुलेटिन (एक नवंबर, 2024, शाम चार बजे तक) जारी किया है।
सीपीसीबी का कहना है कि बहुत खराब वायु में लंबे समय तक रहने पर सांस संबंधी बीमारी होती है।
एक्यूआई वायु गुणवत्ता का एक आकलन है, जिसमें आठ प्रदूषकों – पीएम 2.5 (2.5 माइक्रोन से कम आकार के कण पदार्थ), पीएम 10 (10 माइक्रोन से कम आकार के कण पदार्थ), नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड, अमोनिया और शीशा को ध्यान में रखा जाता है।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर एक्यूआई को‘बेहद गंभीर’ माना जाता है।
बिहार के जिन जिलों में शुक्रवार को एक्यूआई खराब श्रेणी में था, उनमें अररिया और मुजफ्फरपुर (286 प्रत्येक), बेगूसराय (258), सारण/छपरा (254), पूर्णिया (247), सहरसा (232), पटना और समस्तीपुर (230 प्रत्येक) और किशनगंज (201) शामिल हैं।
इन शहरों का एक्यूआई ‘खराब’ (201-300) स्तर पर पहुंच गया है।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार शुक्ला ने राज्य में खराब होती वायु गुणवत्ता पर टिप्पणी करते हुए शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यह सच है कि राज्य के कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता खराब हुई है। यह जलवायु परिस्थितियों के कारण है। जैसे-जैसे तापमान गिरता है, नमी की मात्रा बढ़ने के कारण ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएँ तेज़ हो जाती हैं। इससे हवाओं की पृथ्वी की सतह के करीब प्रदूषकों को पकड़ने की क्षमता भी बढ़ जाती है।”
हालांकि, उन्होंने कहा, “पिछले साल की तुलना में, राज्य के कई शहरों खासकर राज्य की राजधानी पटना में स्थिति में निश्चित रूप से सुधार हुआ है। पिछले साल पटना में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पायी गयी थी, जबकि इस साल यह खराब श्रेणी में पायी गयी है।”
उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने से संबंधित नियमों के सख्त क्रियान्वयन के कारण ऐसा हुआ है।