
बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने शुक्रवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया, जिसमें अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गठबंधन के नेता के रूप में पेश करने पर पुनर्विचार करने की बात सामने आ रही थी।
राजग के घटक दलों, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के बीच जमीनी स्तर पर बेहतर समन्वय के लिए पटना में आयोजित एक बैठक के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया।
अमित शाह ने हाल ही में एक समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार में एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की थी।
शाह से पूछा गया था कि क्या राजग बिहार में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना चुनाव लड़ सकता है जैसा कि उसने हाल ही में महाराष्ट्र में किया था।
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उत्तर देते हुए कहा था, “हम साथ बैठकर फैसला करेंगे। हम फैसला लेने के बाद आपको बताएंगे।”
शाह के इस जवाब से यह अटकलें लगाई जाने लगीं थी कि भाजपा 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ने की अपनी पूर्व की घोषणा पर पुनर्विचार कर सकती है।
भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष और राज्य सरकार में मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा, “हमें यह समझना चाहिए कि अमित शाह यह रेखांकित करने की कोशिश कर रहे थे कि वह एक ऐसी पार्टी के ‘कार्यकर्ता’ हैं, जिसमें बड़े फैसले संसदीय बोर्ड द्वारा लिए जाते हैं। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नेतृत्वकारी भूमिका लंबे समय से तय थी। इस पर पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है।”
वहीं लोजपा (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि राजग आगामी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा। अगर कोई संदेह है, तो भाजपा अध्यक्ष ने अपने स्पष्ट बयान से उसका समाधान कर दिया है।”
जदयू की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा अपने नेता के लिए समर्थन से काफी खुश थे।
उन्होंने खुशी जताते हुए कहा, “2025 फिर से नीतीश। यह हमारे सभी गठबंधन सहयोगियों की भावना है। पार्टी को नेतृत्व की कभी चिंता नहीं थी। हम न केवल राज्य बल्कि जिला और बूथ स्तर पर भी राजग के घटक दलों के बीच बेहतर समन्वय पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”