बिहार विधान परिषद चुनाव: राज्यपाल कोटे की सीट पर बढ़ी सरगर्मी, रुपेश पांडे की एंट्री पर चर्चा तेज

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Bihar Legislative Council Elections: बिहार विधान परिषद में राज्यपाल कोटे से भरी जाने वाली सीटों को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। इन सीटों पर सदस्यों का मनोनयन राज्य सरकार की सिफारिश पर होता है। मौजूदा एनडीए सरकार जल्द ही अपने घटक दलों के साथ चर्चा कर संभावित नामों की सूची राज्यपाल को भेजने वाली है। संविधान के अनुसार, बिहार विधान सभा की 243 सीटों के एक-तिहाई यानी 81 सदस्य विधान परिषद में हो सकते हैं। वर्तमान में, स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से 12, स्थानीय निकायों से 24 और राज्यपाल द्वारा मनोनीत 12 सदस्य विधान परिषद का हिस्सा हैं।

समाजसेवी रूपेश पांडे की राजनीति में एंट्री
चंपारण के रहने वाले समाजसेवी और बिजनेसमैन रूपेश पांडे का नाम राज्यपाल कोटे से एमएलसी के लिए चर्चा में है। बैंकिंग और बिजनेस के क्षेत्र में पहचान बनाने वाले रूपेश पांडे लंबे समय से सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं। वे शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बिहार के युवाओं के लिए कुछ बड़ा करने की योजना बना रहे हैं। उनका मानना है कि शिक्षा के माध्यम से ही बिहार के युवाओं को आगे बढ़ाया जा सकता है।

रूपेश पांडे बिहार में उद्योग लगाने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। वे ईस्टर्न हाईलैंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के सह-संस्थापक और सह-चेयरमैन हैं। उनकी सोच है कि शिक्षा और रोजगार के माध्यम से बिहार के युवाओं को सशक्त बनाया जा सकता है। रूपेश पांडे का कहना है कि शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे कोई छीन नहीं सकता और यह जीवन को बेहतर बनाने का माध्यम है।

समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों और उनकी सोच को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि बिहार सरकार उन्हें विधान परिषद में बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। शिक्षा, रोजगार और सामाजिक कार्यों में उनके योगदान को देखते हुए उनकी एमएलसी बनने की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। रूपेश पांडे का उद्देश्य बिहार के युवाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाना है। उनकी यह सोच राज्य की प्रगति में बड़ा योगदान दे सकती है।

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