बुलडोजर एक्शन पर SC का कड़ा एक्शन, BSP सुप्रीमो मायावती बोलीं-‘उचित होगा कि इसका इस्तेमाल…’

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Mayawati On Bulldozer Action: देशभर में आरोपियों पर बुलडोजर से हो रही कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। सोमवार को जमीयत उलेमा-ए हिंद ने की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं हो सकती है। अब कोर्ट के फैसले पर BSP चीफ मायावती की प्रतिक्रिया आई है।

मायावती पहले भी योगी सरकार के बुलडोजर एक्शन पर कई बार एतराज जता चुकीं हैं। अब मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती को BSP सुप्रीमो ने सही बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक के बाद एक तीन पोस्ट लिखकर कहा कि अब बुलडोजर का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले के मुताबिक ही होना चाहिए।

अपराध की सजा परिवार को नहीं मिलनी चाहिए

मायावती ने लिखा, देश में आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कानून के तहत होनी चाहिए तथा इनके अपराध की सजा उनके परिवार व नजदीकी लोगों को नहीं मिलनी चाहिए। यह सब हमारी पार्टी की रही सरकार ने ’क़ानून द्वारा क़ानून का राज’ स्थापित करके भी दिखाया है। बुलडोजर का भी इस्तेमाल अब सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मुताबिक ही होना चाहिए। हालांकि उचित तो यही होगा कि इसका इस्तेमाल करने की जरूरत ही ना पड़े क्योंकि आपराधिक तत्वों को सख्त कानूनों के तहत भी निपटा जा सकता है। 

अधिकारियों पर हो कठोर कार्रवाई-मायावती

मायावती ने एक और पोस्ट में लिखा, आपराधिक तत्वों के परिवार व नजदीकियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल करने की बजाय सम्बन्धित अधिकारियों पर ही कठोर कार्रवाई होनी चाहिये, जो ऐसे तत्वों से मिलकर, पीड़ितों को सही न्याय नहीं देते हैं। सभी सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

बता दें कि मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं हो सकती है। सिर्फ इसलिए घर कैसे गिराया जा सकता है, क्योंकि वो आरोपी है? अगर वो दोषी भी है तो भी घर नहीं गिराया जा सकता। याचिका में हालिया यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान में बुलडोजर चलाने की घटनाओं का जिक्र किया गया था। सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया। 

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों से सुझाव मांगा

तुषार मेहता ने कहा कि नोटिस बहुत पहले जारी किए गए थे, ये लोग पेश नहीं हुए। इस पर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि किसी को भी कमियों का फायदा नहीं उठाना चाहिए। जस्टिस गवई ने कहा कि अगर निर्माण अनधिकृत है, तो ऐसे मामलों में भी ये ‘कानून के अनुसार’ होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में गाइड लाइन बनाए जाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद हम इस मामले में दिशा निर्देश जारी करेंगे। जो पूरे देश भर में लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों से सुझाव मांगा है। 17 सितंबर को अगली सुनवाई होगी।

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