बृजभूषण शरण सिंह को BJP आलाकमान का निर्देश, विनेश-बजरंग पर मीडिया में बयान देने से बचें

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विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद से भारतीय जनता पार्टी के नेता बृजभूषण शरण सिंह लगातार टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं। सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि बृजभूषण शरण सिंह को बीजेपी के आलाकमान जेपी नड्डा की तरफ से निर्देश जारी किया गया है। 

सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बृजभूषण को फोन कर मीडिया से बातचीत करने से बचने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी का असर हरियाणा विधानसभा चुनाव पर देखने को मिल सकता है। इससे पहले भी बृजभूषण की ओर से विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक को लेकरबयान दिया जा चुका है।

हरियाणा के कुछ पहलवानों ने  बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ ही मोर्चा खोला था। अब विनेश-बजरंग पूनिया के कांग्रेस में जाने पर बृजभूषण शरण सिंह कह रहे हैं कि इन खिलाड़ियों का आंदोलन राजनीति से प्रेरित था। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष  बृजभूषण शरण सिंह का कहना है कि वो प्रदर्शन ‘एक फैमिली और एक अखाड़ा, जीजा-साली और एक अखाड़ा’ का ही था।

महाभारत के दौरान पांडवों ने द्रौपदी को दांव पर लगाया था- बृजभूषण

पूर्व डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष और बीजेपी  नेता बृजभूषण शरण सिंह ने दावा किया कि 2023 में जंतर-मंतर पर हुआ विरोध प्रदर्शन प्रेरित था और हुड्डा परिवार ने महिलाओं के सम्मान को दांव पर लगाकर जुआ खेला। उसके लिए कांग्रेस को माफ नहीं किया जाएगा। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ‘महाभारत के दौरान पांडवों ने द्रौपदी को दांव पर लगाया था और हार गए थे। देश ने आज तक पांडवों को इसके लिए माफ नहीं किया है। इसी तरह हुड्डा परिवार ने हमारी बहन-बेटियों के सम्मान को दांव पर लगाकर जो जुआ खेला है, उसके लिए उन्हें माफ नहीं किया जाएगा।’

विरोध महिलाओं की गरिमा के लिए नहीं था- बृजभूषण

बृजभूषण ने कहा कि ये महिलाओं का प्रदर्शन नहीं था। शुरुआत में जरूर लगा कि ये खिलाड़ियों का आंदोलन था, लेकिन खिलाड़ी धीरे-धीरे करके लौट गए। ये सिर्फ एक परिवार, जीजा-साली और अखाड़े का आंदोलन था। इसके सर्वेसर्वा भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे।’ बीजेपी नेता का कहना है कि गतिविधियों के क्रम से पता चलता है कि जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने किया था। उन्होंने आगे कहा, ‘जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन वास्तव में दीपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में किया गया था। विरोध महिलाओं की गरिमा के लिए नहीं था। पहले दिन ये खिलाड़ियों के विरोध प्रदर्शन जैसा लग रहा था। बाद में एक-एक करके सभी चले गए और दीपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में पहलवानों के एक समूह के साथ एक परिवार रह गया।’ उन्होंने कहा कि जब सच्चाई सामने आएगी तो वे जवाब नहीं दे पाएंगे।

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