बेटी का टूट रहा था सापना, तो परिवार ने दिया साथ, आज राष्ट्रीय स्तर किया नाम

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Success Story: शुभांगी के पिता रमेश चंद्र सिन्हा भारत वैगन में कर्मचारी थे. वे 2015 में रिटायर हो गए. जिसके बाद समय से सैलरी नहीं आने के कारण घर की माली हालत खराब हो गई थी. शुभांगी का बैडमिंटन खेलने का सपना खतरे में देख परिवार वालों ने साथ दिया.