कोलकाता के पास साल्ट लेक इलाके में पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के लिए अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
ये प्राथमिकियां 27 अक्टूबर को साल्ट लेक में स्थित पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (ईजेडसीसी) में चक्रवर्ती के भाषण से संबंधित हैं। यह भाषण भाजपा के एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया था जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे। शाह पार्टी के पश्चिम बंगाल सदस्यता अभियान की शुरुआत करने के लिए कोलकाता में थे।
पहली प्राथमिकी एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर बिधाननगर दक्षिण पुलिस थाने में जबकि दूसरी प्राथमिकी बहूबाजार पुलिस थाने में दर्ज की गई। बिधाननगर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने मामले की जांच शुरू कर दी है।”
पश्चिम बंगाल में भाजपा के सदस्यता अभियान की शुरुआत करने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में शाह भी मौजूद थे। शाह ने चक्रवर्ती को इस साल दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर बधाई भी दी थी।
प्राथमिकियां दर्ज होने पर चक्रवर्ती की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने प्राथमिकी को “प्रतिशोध की राजनीति” का परिणाम बताया। मजूमदार ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने “प्रसिद्ध अभिनेता और वरिष्ठ भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती को अनुचित तरीके से निशाना बनाने के लिए एक बार फिर पुलिस का इस्तेमाल किया है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) पर “राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए” इस तरह की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि राज्य सरकार की कार्रवाई राजनीतिक विरोधियों को बदनाम करने के प्रयास का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, “उनके भाषण में कुछ भी भड़काऊ नहीं था। यह पुलिस को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करके उन्हें डराने का प्रयास मात्र है।” तृणमूल नेता कुणाल घोष ने भाजपा के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, “राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप निराधार हैं। उन्हें इस तरह की भड़काऊ टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। कानून अपना काम करेगा।”
चक्रवर्ती को इस वर्ष की शुरुआत में भारत के सर्वोच्च फिल्म सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। चक्रवर्ती ने 27 अक्टूबर को कहा था कि 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल का “मसनद” (सिंहासन) भाजपा का होगा और उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कुछ भी करने का वादा किया था। पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (ईजेडसीसी) में आयोजित कार्यक्रम में चक्रवर्ती ने कहा था, “2026 में मसनद हमारा होगा और हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।”