प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल इंडिया की प्रबंध निदेशक (एमडी) रोमा दत्ता चौबे ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारत को उपयोगकर्ताओं और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) दोनों दृष्टिकोण से एक बहुत ही महत्वपूर्ण बाजार के रूप में देखती हैं।
उन्होंने कहा कि कंपनी भारत की डिजिटल क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। चौबे ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि भारतीय बड़े पैमाने पर कृत्रिम मेधा (एआई) को अपना रहे हैं।
चौबे ने कहा कि कंपनी सूचना और अवसरों को लोकतांत्रिक बनाने के लिए एआई का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और यहां एक संपन्न एआई पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहती है।
गूगल इंडिया की शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी देश में एआई, भुगतान और उपकरण विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में बड़ा दांव लगा रही है।
भारत में आकार ले रहे नियामकीय ढांचे पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गूगल का मानना है कि एआई को इस तरह से विनियमित किया जाना चाहिए, जिससे उपयोगकर्ता का लाभ सुनिश्चित हो और नवाचार को बढ़ावा मिले।
चौबे ने कहा, “गूगल विनियमन में विश्वास करती है…हमारा मानना है कि प्रौद्योगिकी को अच्छी तरह से विनियमित किया जाना चाहिए। हमारा मानना है कि एआई को इस तरह से विनियमित किया जाना चाहिए कि उपयोगकर्ता के लाभ का ख्याल रखा जाए…साथ ही नवाचार को पनपना चाहिए, इसलिए यह एक संतुलन है जिसे बनाए रखने की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा कि गूगल भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ ‘मिलकर’ काम कर रही है। भारत गूगल के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार रहा है और रहेगा।
चौबे ने कहा, “भारत उपयोगकर्ता के दृष्टिकोण और शोध एवं विकास दोनों से ही गूगल के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण बाजार है।”