भारत: सतत भविष्य के लिए आदिवासी समुदायों की मज़बूती

image560x340cropped kSntoD

वन, चारागाह व जल स्रोत ऐसे सामूहिक संसाधन हैं जो आदिवासी समुदायों की आजीविका एवं जैव-विविधता के लिए बेहद आवश्यक हैं. भारत में यूएनडीपी ने समुदाय आधारित इस तरह के संरक्षण उपायों को बढ़ावा दिया है, जिससे वनवासियों को अपने संसाधनों का सतत रूप से प्रबन्धन करने में मदद मिली है.