भीरतरघात? हरियाणा में हार पर चौतरफा घिरीं कुमारी शैलजा, उनके बूथ से गांव तक कांग्रेस का सूपड़ा साफ

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हरियाणा विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणाम आने के बाद से कांग्रेस लगातार इस बात पर समीक्षा कर रही है कि आखिर क्या थी वो वजह जिसकी वजह से कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव में शिकस्त खा गई। जब इस बात की समीक्षा की गई तो ये कांग्रेस के अंदर आई दरार इसके पीछे की वजह दिखाई दी। विधानसभा चुनाव से पहले भूपेंद्र सिंह हूड्डा और पूर्व हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा के बीच तकरार इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह बनी। गुरुवार (10 अक्टूबर) को कांग्रेस की हरियाणा चुनाव हार की समीक्षा बैठक से भी कुमारी शैलजा सहित 3 बड़े चेहरों को दूर रखा गया था।

 

वहीं हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद चुनाव आयोग ने पूरे चुनाव का डाटा पेश किया है। इस आंकड़े में साफ तौर पर कुमारी शैलजा कांग्रेस से भीतरघात करती हुई दिखाई दे रही हैं। कांग्रेस की कद्दावर नेताओं में से एक कुमारी सैलजा के नाराज होने का असर इस चुनाव में उनके गांव से लेकर उनके बूथ तक साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं उनके जिले और उनकी लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस न सिर्फ कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता दिखाई दिया है बल्कि इन इलाकों में बीजेपी ने कांग्रेस के दो गुने से भी ज्यादा वोट हासिल किए हैं।

कुमारी शैलजा के गांव से लेकर लोकसभा सीट तक खिला कमल 

आइए आपको बताते हैं कि हरियाणा के इस चुनाव में कुमारी शैलजा के प्रभुत्व वाले इलाकों से कांग्रेस को कितना और बीजेपी को कितना वोट मिला। सबसे पहले बात करेंगे कुमारी शैलजा के गांव की। उकलाना विधानसभा के प्रभुवाला गांव में बीजेपी उम्मीदवार अनूप धानक और कांग्रेस उम्मीदवार नरेश सैलवाल के बीच मुकाबला था। इस मुकाबले में सैलवाल तो जीत गए लेकिन शैलजा के गांव से उन्हें हार मिली थी। EC के आंकड़ों के मुताबिक प्रभुवाला गांव में बीजेपी को 1889 वोट मिले थे जबकि नरेश सैलवाल को 906 वोटों से संतोष करना पड़ा था।

कुमारी शैलजा के बूथ पर किसको कितने वोट?

EC के मुताबिक कुमारी शैलजा का बूथ हिसार विधानसभा के अधीन बूथ नंबर-111 पर है। इस बार हिसार विधानसभा से कांग्रेस ने राम निवास राड़ा को मैदान में उतारा था। यहां से सावित्री जिंदल निर्दलीय और बीजेपी के कमल गुप्ता मैदान में थे। वोटिंग के दिन कुमारी शैलजा ने विधायक प्रत्याशी राम निवास के साथ ही वोट डाला था। इस बूथ पर भी कुमारी शैलजा पिछड़ गईं। इस बूथ पर कुल 615 वोट पड़े थे जिसमें से कांग्रेस को सबसे कम महज 58 वोट ही मिले थे वहीं बीजेपी को 64 और सावित्री जिंदल को 348 वोट और बाकी के 145 वोट नोट और अन्य उम्मीदवारों को मिले थे।

कांग्रेस का कुमारी शैलजा के जिले में कैसा रहा प्रदर्शन?

वहीं अगर हम कुमारी शैलजा के जिले की बात करें तो हिसार जिले में विधानसभा की कुल 7 सीटें हैं जिसमें से आदमपुर, हिसार, नलवा, नारनौद, उकलाना, बडवाला और हांसी सीटें शामिल हैं। हिसार जिले की इन सभी 7 सीटों में से 3 पर बीजेपी, 3 पर कांग्रेस और एक पर निर्दलीय को जीत मिली है। यहां सबसे ज्यादा दिलचस्प बात ये है कि जिन 3 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है उसमें से दो सीटें आदमपुर के चंद्र प्रकाश और नारनौंद के जेस्सी पेटवाड़ हुड्डा गुट के नेता हैं।

कुमारी शैलजा की लोकसभा सीट पर कांग्रेस को कितने वोट?

कांग्रेस की कद्दावर नेता कुमारी शैलजा मौजूदा समय हरियाणा की सिरसा सीट से लोकसभा सांसद हैं। सिरसा लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 9 विधानसभा सीटें आती हैं। लोकसभा चुनाव में कुमारी शैलजा ने इन सीटों पर बहुत बड़ी मार्जिन से जीत हासिल की थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में 9 विधानसभा सीटों में से महज 6 सीटें ही जीत पाई, जबकि बीजेपी पिछली दो बार से सत्ता में थी और उसके खिलाफ एंटीइनकमबैंसी का प्रभाव था और कांग्रेस का माहौल पहले से ही बना हुआ था। यहां की डबवाली, सिरसा और रानियां सीट पर कांग्रेस को शिकस्त खानी पड़ी।  

कांग्रेस ने समीक्षा बैठक में कुमारी शैलजा सहित 3 बड़े नेताओं को नहीं बुलाया

हरियाणा हारने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में हरियाणा के बड़े नेताओं को मीटिंग के लिए बुलाया था। दिल्ली में हुई इस बैठक में सबसे अहम बात ये थी कि इस बैठक से मल्लिकार्जुन खड़गे ने 3 बड़े चेहरों को दूर रखा था। हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम पर ये समीक्षा बैठक कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई थी। इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी मौजूद रहे। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश अध्यक्ष उदय भान, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रभारी दीपक बाबरिया और हरियाणा के ऑब्जर्वर अशोक गहलोत, अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा बैठक में शामिल हुए। बैठक में हरियाणा की कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा, रणदीप सुरेजवाला और कैप्टन अजय यादव को नहीं बुलाया गया था। ये बात अजय माकन ने मीडिया से बातचीत में बताई थी।

 

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