भेड़िया संबंध बनाने में होता है वफादार! खूनी लंगड़ा सरदार को पकड़ने में प्यार वाला एंगल आएगा काम?

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बहराइच के भेड़िए को पकड़ने के लिए लिया जाएगा अब मोहब्बत का सहारा! सुनकर चौंक गए न लेकिन बहराइच के लंगड़े आदमखोर को पकड़ने के लिए वन विभाग ने अगला यही प्लान तैयार किया है। अब ये प्लान कितना सफल हो पाएगा ये तो आने वाला समय और वन विभाग का प्रयोग ही बता पाएगा। दरअसल भेड़िए और इंसानों के रहन-सहन में काफी समानताएं पाई जाती हैं। भेड़िया अपने माता-पिता के बुजुर्ग हो जाने पर उनकी पूरी सेवा करता है। इसी वजह से अरब में भेड़िए को इब-नल-बार (वफादार बेटा) भी कहा जाता है। वो अपने बुजुर्गों के लिए शिकार भी खुद ही करके लाता है।

बहराइच में 5 भेड़िए तो पकड़े जा चुके हैं लेकिन छठा लंगड़ा भेड़िया जो कि अपने झुंड का सरदार है वो अभी भी वन विभाग के हत्थे नहीं चढ़ा है। वन विभाग की टीम लगातार उसे पकड़ने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाता है लेकिन चालाक भेड़िया हर बार उन्हें गच्चा देकर फरार हो जाता है। अब डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर अजीत सिंह ने भेड़ियों के लंगड़े सरदार को पकड़ने के लिए प्यार वाले एंगल का सहारा लिया है। भेड़िए को पकड़ने के लिए उन्होंने मादा भेड़िए की आवाज का सहारा लेने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि अब वो साउंड सिस्टम से मादा भेड़िए की आवाज निकालेंगे और जैसे ही लंगड़ा भेड़िया मादा भेड़िए की आवाज सुनकर उससे मिलने के लिए बाहर आएगा वो उसे पकड़ लेंगे।

 

          एक्सपर्ट्स की मानें तो भेड़िए अपनी मादा साथी का चयन एक बार करते हैं।  फोटो- पिक्साबे

अपने साथी के प्रति वफादार होते हैं भेड़िए

एक्सपर्ट्स की मानें तो भेड़िए अपनी मादा साथी के लिए बेहद वफादार होते हैं। वो इंसानों की तरह अपने जीवन में एक ही साथी जीवन भर के लिए चुनते हैं। अगर वन विभाग की टीम लंगड़े भेड़िए की मादा साथी की आवाज निकालने में सफल रहती है तो शायद वो उसे बाहर निकालने में कामयाब हो जाएं लेकिन अगर उनके साउंड सिस्टम से किसी और मादा भेड़िए की आवाज निकलती है तो एक्सपर्ट्स के दावों के मुताबिक लंगड़ा भेड़िया बाहर नहीं आएगा। क्योंकि वो अपनी ही मादा साथी की पुकार पर बाहर निकलेगा न कि किसी भी मादा भेड़िए की आवाज पर।

  

भेड़िए अपनी मां-बहनों के साथ संबंध नहीं बनाते हैं।  फोटो- पिक्साबे

भेड़िए ताउम्र एक ही मादा के साथ बनाते हैं संबंध

जब हमने भेड़ियों के बारे में थोड़ा और रिसर्च किया तो पता चला कि भेड़िया और जानवरों की तुलना में बिलकुल अलग होता है। भेड़िए का रहन सहन कुछ-कुछ इंसानों से मिलता जुलता है। जैसे इंसान अपनी मां और बहन को कभी काम वासना की नजरों से नहीं देखते हैं वैसे ही भेड़िए भी अपनी बहन या मां के साथ सेक्सुअल रिलेशनशिप नहीं बनाते हैं। वो अपना एक जीवनसाथी चुनते हैं और पूरी उम्र उसी के साथ बिताते हैं। ये अपने साथी के प्रति पूरी तरह से वफादार होते हैं और एक साथी चुनने के बाद बार-बार किसी और मादा के साथ सहवास के लिए नहीं जाते हैं।

 

बहराइच में भेड़ियो को पकड़ने के लिए वहां के DFO ने मास्टर प्लान बनाया है। फोटो- पिक्साबे

क्या सफल हो पाएगा DFO का मास्टर प्लान?

रिसर्च और एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर भेड़िए अपने जीवन में सिर्फ एक ही साथी चुनते हैं तो फिर DFO के लिए ये एक बड़ा चैलेंज होगा कि उसकी मादा साथी की आवाज को वो कैसे पहचानेंगे और जब तक भेड़िए का लंगड़ा सरदार अपनी मादा साथी की आवाज नहीं सुनेगा वो बाहर क्यों निकलेगा? बहरहाल इसका पता तो तब चलेगा जब बहराइच के डीएफओ अजित सिंह अपना प्रयोग शुरू करेंगे।  तब तक उन्हें सिर्फ इतना ही ध्यान रखना है कि बहराइच में अब कोई और भेड़िए का शिकार न बनने पाए।

 

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