केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार वार्षिक समुद्री खाद्य निर्यात को बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और अगले पांच वर्षों में मत्स्य पालन क्षेत्र की नींव मजबूत करने के लिए भी कदम उठाएगी।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री सिंह ने यहां प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की चौथी वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना का शुभारंभ किया और मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्पादन एवं प्रसंस्करण क्लस्टर को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की।
उन्होंने कहा कि तीन करोड़ से अधिक मछुआरों और मछली पालकों को आजीविका प्रदान करने वाले मत्स्य पालन क्षेत्र पर आजादी के बाद उचित ध्यान नहीं दिया गया था। हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के विकास के लिए 2014 से विभिन्न निर्णय लिए हैं। इसमें 20,000 करोड़ रुपये से अधिक परिव्यय के साथ पीएमएसएसवाई योजना भी शामिल है।
सिंह ने कहा कि इस योजना के तहत आवंटित धन की मदद से मत्स्य पालन क्षेत्र में काफी बुनियादी ढांचा विकास और तकनीकी सुधार हुआ है। सरकार के इन प्रयासों से देश का मछली उत्पादन वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 175.45 लाख टन हो गया जबकि 2013-14 में यह 95.79 लाख टन था।
उन्होंने इस क्षेत्र की नींव को मजबूत करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में इसपर विशेष ध्यान देगी ताकि यह क्षेत्र 2029 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के समग्र लक्ष्य में योगदान दे सके।
सिंह ने कहा कि देश लगभग 130 देशों को 60,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का समुद्री भोजन निर्यात कर रहा है जिसे सालाना एक लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है। हालांकि, उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए किसी समयसीमा का उल्लेख नहीं किया।
इस अवसर पर मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन ने बीते 10 वर्षों में इस क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों का जिक्र किया।