मदरसा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि से साबित होता है कि महायुति सरकार मुस्लिम विरोधी नहीं: आठवले

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केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने शुक्रवार को मदरसा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि के महाराष्ट्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस कदम से यह साबित होता है कि महायुति सरकार मुस्लिम विरोधी नहीं है।

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य मंत्रिमंडल द्वारा केंद्र को ‘गैर-क्रीमी लेयर’ के लिए आय सीमा बढ़ाकर 15 लाख रुपये प्रति वर्ष करने का भेजा गया प्रस्ताव अच्छा है और सरकार इस पर विचार करेगी।

‘गैर-क्रीमी लेयर’ की पात्रता प्राप्त करने के लिए आय सीमा को बढ़ाने का अनुरोध

राज्य मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से ‘गैर-क्रीमी लेयर’ की पात्रता प्राप्त करने के लिए आय सीमा को मौजूदा आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये प्रति वर्ष करने का अनुरोध करने का फैसला किया था।

‘गैर-क्रीमी लेयर’ का अर्थ है कि किसी व्यक्ति की पारिवारिक आय निर्धारित सीमा से कम है और यह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण का लाभ उठाने के लिए जरूरी है।

मंत्रिमंडल ने मदरसा शिक्षकों के वेतन में की वृद्धि

मंत्रिमंडल ने डीएड डिग्री वाले मदरसा शिक्षकों का मानदेय 6,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये और बीए, बीएड और बीएससी डिग्री वाले शिक्षकों का वेतन 8,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये करने का भी फैसला किया।

कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे फैसला जल्द होगा-  आठवले

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) आठवले के प्रमुख ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी कितनी सीट पर लड़ेगी, यह सवाल बरकरार है और इस पर जल्द ही फैसला किया जाना चाहिए।

आठवले की पार्टी ‘महायुति’ गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल है।

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