मध्यप्रदेश के जबलपुर में कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) की मदद से महिला कॉलेज की छात्राओं के आपत्तिजनक क्लिप बनाकर उनसे ठगी करने वाले एक ठग को पकड़ने के लिए पुलिस ने शनिवार को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि सितंबर के पहले सप्ताह में यह मामला सामने आया था, जिसकी जांच को गति देने के लिए जबलपुर के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने एसआईटी का गठन किया और उसके बाद से कई टीमें कई राज्यों में छापेमारी कर चुकी हैं।
मदन महल थाने के प्रभारी निरीक्षक प्रवीण धुर्वे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एसआईटी का नेतृत्व शहर पुलिस अधीक्षक (कोतवाली) आर.के. शिव करेंगे और इसमें अपराध शाखा, साइबर प्रकोष्ठ और महिला थाने के पुलिसकर्मी शामिल होंगे।
पुलिस ने बताया कि आरोपी पीड़ित युवतियों को फोन कर खुद को ‘पुलिस अधिकारी विक्रम गोस्वामी’ बताता है और सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो शेयर करने के लिए कार्रवाई की धमकी देकर पैसों की मांग करता है। पुलिस की अब तक की जांच के अनुसार, आरोपी इस तरह के अश्लील वीडियो बनाने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि दो छात्राओं ने उसे 2000-3000 रुपये हस्तांतरित किए थे।
उन्होंने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि जिन कॉलेज छात्राओं को आरोपी निशाना बना रहा था, उनके नंबर कैसे जुटा रहा था।
अधिकारी ने बताया, “आरोपी, छात्राओं के मोबाइल नंबर पर एक लिंक भेजता है, जिसमें अश्लील क्लिप होती हैं और फिर उन्हें मुकदमे की धमकी देता है। आरोपी यह भी कहता है कि पुलिस की एक टीम उनके माता-पिता से मिलकर उन्हें घटनाक्रम की जानकारी देगी।”
सिंह ने बताया कि मनकुंवर बाई महिला कॉलेज के प्रबंधन द्वारा पुलिस को सूचना दिये जाने के बाद मामला सामने आया।
उन्होंने बताया कि मामला सामने आने के बाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 (संचार सेवा आदि के माध्यम से आपत्तिजनक संदेश भेजना) और 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने करीब 50 महिलाओं को निशाना बनाया है हालांकि केवल तीन ही युवतियां सामने आई हैं।
इस मुद्दे पर जबलपुर में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने विरोध प्रदर्शन किया है।