Karnataka News: देश में सुरक्षा के लिहाज से कई कानून हैं ताकि किसी के साथ गलत या अनुचित होने पर उसे न्याय दिलाया जा सके। इसी कड़ी में महिला सुरक्षा को लेकर भी सख्त कानून बनाए गए हैं। हालांकि कुछ महिलाएं बेझिझक होकर इनका दुरुपयोग करती हैं। ऐसा ही एक मामला कर्नाटक से सामने आया है, जहां एक महिला ने दस मर्दों के साथ कुछ ऐसा किया जिसने अदालत को भी सकते में डाल दिया।
दरअसल, कर्नाटक में एक महिला ने कथिततौर पर पहले तो 10 मर्दों से शादी की। इसके बाद सभी से संबंध बनाए और फिर सभी पर एकाएक बलात्कार का आरोप लगाती चली गई। इन्हीं में से जब एक मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा तब महिला की पोल खुल गई। पीड़ितों ने महिला पर धोखाधड़ी और जबरन वसूली के आरोप लगाए।
आखिर क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दस मर्दों से ब्याह रचाने वाली महिला का नाम दीपिका है। उसने 10 मर्दों से शादी के बाद अपनी मर्जी से संबंध बनाए। इसके बाद उसने बड़ी ही चालाकी से सभी पर रेप का आरोप लगा दिया। इसी मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में कॉफी बगान के मालिक नितिन (बदला हुआ नाम) के खिलाफ केस आया। एक महिला ने आरोप लगाया था कि नितिन ने पहले तो उससे शादी की और बाद में छोड़ दिया। इसी सिलसिले में मामले की जांच की गई तो सभी आरोप गलत साबित हुए। इतना ही नहीं इस जांच के दौरान उल्टा महिला की ही पोल खुली। इसी के बाद नितिन पर लगाए गए आरोपों को अदालत ने रद्द करने का आदेश दे दिया।
एकाएक रेप का केस दर्ज कराती चली गई महिला
जानकारी के मुताबिक, महिला ने जिस-जिससे भी शादी रचाई, उन सभी पर बलात्कार के मामले दर्ज कराती चली गई। इन्हीं 10 मर्दों में से एक और पीड़ित विवेक पर भी महिला ने रेप और उसे छोड़ने का केस दर्ज कराया था। कर्नाटक हाईकोर्ट में पहुंचे मामले के दौरान विवेक और उसके परिवार ने तर्क दिया कि वो दीपिका के दर्ज किए गए केस में 10वें मामले का शिकार है। उसने अपनी दलील में यह भी बताया कि उसके परिवार को इसमें जबरदस्ती घसीटा गया है।
मामले पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने कहा कि दीपिका (10 मर्दों से शादी रचाने वाली महिला) ने 2011 से धोखाधड़ी, धमकी, क्रूरता और बलात्कार लगाते हुए दस पतियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई है। उन्होंने आगे कहा कि अधिकतर शिकायतें बेंगलुरु के अलग-अलग पुलिस थाने में दी गई हैं, जबकि चिक्काबल्लापुर और मुंबई में एक-एक शिकायत दर्ज हैं। जज ने आगे बताया कि तीन मामलों में ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया था। वहीं पीड़ितों ने दीपिका के खिलाफ कई अपराधों का आरोप लगाते हुए पांच शिकायतें दर्ज कराई थीं।
महिला की जानकारी डिजिटली प्रसारित करने के निर्देश
कोर्ट ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता ने बार-बार नोटिस के बावजूद कोर्ट में अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं कराई। उसने कई पुरुषों और उनके परिवारों के खिलाफ बिना किसी कारण के केस दर्ज कराए। उसके केस दर्ज कराने के चलते लंबे समय तक हिरासत में रहना पड़ा। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस केस ने तो हनी ट्रैप को भी काफी पीछे छोड़ दिया है। महिला का इरादा साफ है। यह सिर्फ लोगों को परेशान करने और पैसे वसूलने के लिए ऐसा कर रही है। अदालत का कहना है कि शिकायतकर्ता जिस भी थाने में केस दर्ज करवाना चाहेगी, वहां प्रारंभिक जांच के बिना केस दर्ज नहीं किया जाना चाहिए। बताया जा रहा है कि अदालत ने उसे रोकने के लिए पुलिस से एक्शन लेने की बात कही है। इसके अलावा कोर्ट ने डीजी और आईजीपी को निर्देश दिए कि महिला/शिकायतकर्ता की जानकारी राज्य भर के पुलिस थानों में डिजिटली प्रसारित की जाए और उन्हें उसकी शिकायतों से सावधान रहने के लिए कहा जाए।
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