Mayawati Expels BSP leader Surendra Sagar: उत्तर प्रदेश की राजनीति से जुड़ा एक अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां मायावती की बहुजन समाज पार्टी के नेता को समाजवादी पार्टी के घर रिश्ता जोड़ना भारी पड़ गया है। ‘बहनजी’ ने उन्हें पार्टी से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया।
5 बार रामपुर के बसपा जिला अध्यक्ष रहे सुरेंद्र सागर को पार्टी सुप्रीमो मायावती ने निकाल दिया। उनका गुनाह बस इतना था कि उन्होंने अपने बेटे की शादी सपा के विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से कर दी।
सुरेंद्र सागर को किया पार्टी से निष्कासित
दरअसल, हाल ही में सुरेंद्र सागर के बेटे अंकुर की शादी समाजवादी पार्टी के विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी कुसुम दत्त से हुई। त्रिभुवन भी एक समय पर बसपा के साथ थे। हालांकि अब वह समाजवादी पार्टी से विधायक हैं। यह रिश्ता मायावती को रास नहीं आया और इसके बाद उन्होंने सुरेंद्र सागर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर उन्हें तो पार्टी से निकाल ही दिया। साथ ही साथ रामपुर के जिला अध्यक्ष प्रमोद सागर को भी हटाया गया है। उनकी जगह ज्ञान प्रकाश बौद्ध को नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया।
पूरे मामले पर सुरेंद्र सागर का कहना है कि उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की। उन्होंने केवल अपने बेटे की शादी की। उन्होंने कहा कि यह एक पारिवारिक मामला है, जिसे राजनीतिक रंग दिया गया है।
शादी में पहुंचे थे अखिलेश
जानकारी के अनुसार सुरेंद्र सागर के बेटे की शादी 27 नवंबर को हुई थी। शादी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी शिरकत की और वर-वधु को अपना आशीर्वाद दिया था। अखिलेश के साथ उनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इसके बाद मायावती ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया।
जान लें कि सुरेंद्र सागर की गिनती बरेली मंडल में बसपा के बड़े नेता के तौर पर होती हैं। कई महत्वपूर्ण पदों पर वह रहे हैं। 2022 में उन्होंने मिलक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था।
वैसा ऐसा पहली बार नहीं है जब दूसरी पार्टी से रिश्ता जोड़ने की वजह से यूं मायावती ने अपने किसी नेता पर कार्रवाई की हो। इससे पहले मुनकाद अली के बेटे की शादी में शामिल होने की चलते नवंबर में ही पूर्व मंडल प्रधान प्रभारी प्रशांत गौतम को भी उन्होंने पार्टी से निकाला था।
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