‘मार्च का ढोंग रचा जा रहा’, किसानों के प्रोटेस्ट पर भड़के जीतन राम मांझी, बोले- जब सरकार तैयार तो…

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Farmers Protest: जीतन राम मांझी किसानों के दिल्ली चलो मार्च को लेकर भड़क गए हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने किसानों के मार्च को राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि मार्च का ढोंग रचा जा रहा है और राजनीति की जा रही है। जीतन राम मांझी ने यहां तक कहा कि किसानों की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी चिंतित हैं।

पंजाब की ओर से किसान हरियाणा के रास्ते दिल्ली तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों का जत्था पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठा हैं। यहां किसानों को अंबाला से पहले ही पुलिस ने रोक रखा है। किसान दिल्ली जाने के लिए अड़े हुए हैं। फिलहाल जीतन राम मांझी ने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों का दोगुना फायदा है, MSP को बढ़ाने की बात सरकार ने की है तो फिर आंदोलन किस बात का है?

5 प्रतिनिधि आकर सरकार से बातचीत करें- मांझी

जीतन राम मांझी अपने बयान में कहते हैं- ‘राज मंत्री ने कहा है कि मार्च करने की जरूरत नहीं है। उनके (किसानों के) 5 प्रतिनिधि आकर सरकार से बातचीत करें। सरकार बातचीत करने के लिए तैयार है। ऐसी परिस्थिति में मार्च का ढोंग रचा जा रहा है और राजनीति की जा रही है। किसानों की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी चिंतित हैं। किसानों को उनके उत्पादों का दोगुना फायदा है, MSP को बढ़ाने की बात उन्होंने की है तो फिर आंदोलन किस बात का है?’

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शंभू बॉर्डर पर किसान और पुलिस आमने-सामने

शंभू बॉर्डर पर किसान और पुलिस कई दिनों से आमने-सामने हैं। पिछले हफ्ते में दो बार टकराव हो चुका है। किसानों को रोकने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ रहा है। रविवार को भी प्रदर्शन के दौरान कई किसान घायल हो गए। रविवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च में भाग लेने वाले 101 किसानों के जत्थे को प्रदर्शनकारियों के बीच बढ़ते तनाव और चोटों के बाद वापस बुला लिया गया। किसान नेताओं ने पुष्टि की कि समूह को वापस बुलाने का निर्णय कई किसानों के घायल होने के बाद लिया गया, जिनमें से एक की हालत गंभीर है और उसे पीजीआई में भर्ती कराया गया है।

किसान मुख्य रूप से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, वे कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी ना करने की भी मांग कर रहे हैं। उन्हीं मांगों को लेकर किसान लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।

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