
राजस्थान के अजमेर शरीफ की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर के दावे को लेकर कोर्ट में दाखिल की गई याचिका स्वीकार कर ली गई। इसके साथ ही सभी पक्षकारों को हाजिर होने की नोटिस भी दी है। कोर्ट के नोटिस जारी होते ही बवाल शुरू हो गया। अब इस मुद्दे पर भी राजनीति शुरू हो गई। सत्ता-पक्ष और विपक्ष की ओर बयानबाजी जारी है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की मामले पर प्रतिक्रिया आई है।
अजमेर दरगाह मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, अजमेर मामले में कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया है हमारा काम है कि अगर किसी हिंदू ने याचिका दायर की है और उस पर कोर्ट ने सर्वे के लिए आदेश दिया है तो इसमें दिक्कत क्या है? ये सत्य है कि जब मुगल आए थे तो उन्होंने हमारे मंदिरों को तोड़ा था। मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाए गए थे।
अजमेर दरगाह विवाद पर बोले गिरिराज
गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार आज तक केवल तुष्टिकरण करती रही है और तुष्टिकरण के कारण ही, अगर ये 1947 में आक्रांतों द्वारा मंदिरों पर मस्जिद बनाने का जो उनका मुहिम चला था उसको नेहरु जी द्वारा समाप्त कर दिया गया होता तो हमें कोर्ट में अर्जी देने की जरूरत नहीं पड़ती इसलिए अर्जी दी गई है।
5 दिसंबर को मामले की सुनवाई
अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका को अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम ने सुनने योग्य माना है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को नोटिस देकर पक्ष रखने को भी कहा है। कोर्ट ने मामले में 5 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय की है।