‘मुझे सिखाने की बात नहीं…’, राज्यसभा में जब जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे में हुई नोंकझोंक

jagdeep dhankhar and lop mallikarjun kharge engaged in a verbal spat 1732532403232 16 9 SFpm6q

Jagdeep Dhankar-Mallikarjun Kharge: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से हंगामे के साथ शुरू हुआ है। सोमवार को विपक्ष का हल्ला सदन की कार्यवाही शुरू होते ही होने लगा। नतीजन पहले दिन महज कुछ ही मिनट दोनों सदन चल पाए। संसद में हंगामे के बीच राज्यसभा के भीतर सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच जुबानी भी जंग हुई।

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन अडानी मुद्दे पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मल्लिकार्जुन खड़गे नियम 267 पर चर्चा की मांग कर रहे थे। नियम 267 के तहत सभी चर्चाओं को खारिज करते हुए धनखड़ ने जवाब दिया कि कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जा रहा है। जब जगदीप धनखड़ ने खड़े से कहा कि कुर्सी पर सब कुछ कहा जाता है आप इसे किसी और से ज्यादा जानते हैं।

धनखड़ और खड़गे में काफी देर हुई बहस

सभापति ने खड़गे से कहा कि हम एक बहुत ही विशेष दौर में हैं – भारतीय संविधान को अपनाए जाने का 75वां वर्ष है। उम्मीद है इसकी मर्यादा रखेंगे। इस पर सदन में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने कहा कि सर, 75 साल रहे, उनमें मेरा भी हिस्सा 54 साल का है। ये सिखाने और कहने की बात नहीं है। इस पर खड़गे टोकते हुए सभापति बोले कि मैं एक अनुरोध करना चाहता हूं।

जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमें विपक्ष के नेता का दर्जा कम नहीं करना चाहिए। ये कहते हुए सभापति ने खड़गे को बोलने के लिए आमंत्रित किया। हालांकि उसके पहले फिर से बोलते हुए कहा कि 54 वर्षों तक आपने जो योगदान दिया है, उसका लाभ लोगों को मिलना चाहिए। बाद में खड़गे ने फिर से अडानी का मुद्दा छेड़ दिया। इस पर स्पीकर को कहना पड़ा कि आपसी बात रिकॉर्ड पर ना जा रही है।

विपक्ष के हंगामे के चलते कार्यवाही स्थगित हुई

इसी तरह सोमवार (25 नवंबर, 2024) को शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में कार्यवाही समय से पहले स्थगित कर दी गई। क्योंकि विपक्ष अडानी मुद्दे पर चर्चा चाहता था। फिलहाल सदन की बैठक बुधवार (27 नवंबर) को फिर से होगी।

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