मृत घोषित, पोस्‍टमार्टम भी हुआ, घंटों डीप फ्रीज में रखी लाश…श्‍मशान घाट में जिंदा हुआ शख्‍स;हड़कंप

rajasthan jhunjhunu patient dead postmortem body deep freezer alive last right 1732260413010 16 9 thqcGi

एक युवक को बेहोशी की हालत में अस्‍पताल लाया गया। यहां इलाज के बाद डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पुलिस पहुंची और शव का पंचनामा कर पोस्‍टमार्टम करवाया गया। रिपोर्ट के इंतजार में शव को 4 घंटे तक डीप फ्रीज में रखा गया। बाद में शव को जब अंतिम संस्‍कार के लिए परिजनों को दिया गया तो वो जिंदा हो गया।

आप सोच रहे होंगे कि ये क्या है? तो आपको बता दें कि ये सच है और राजस्‍थान के झुंझुनू में ऐसा हुआ है। मृत व्‍यक्ति की सांसे चलती दिखी तो हड़कंप मच गया। इस मामले में लापरवाही बरते वाले तीन डॉक्‍टरों को सस्‍पेंड कर दिया गया है।

विस्‍तार से जान लीजिए पूरा मामला

झुंझुनू के बग्गड़ में रोहिताश नाम का एक दिव्यांग और मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति मां सेवा संस्थान में रह रहा था। गुरुवार की सुबह बेहोशी की हालत में उसे इलाज के लिए सरकारी बीडीके अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया था, जहां  डॉक्टर ने रोहिताश को मृत घोषित मृत घोषित कर दिया। उसके बाद शव को बीडीके अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट करवा दिया गया।

करीब दो घंटे बाद शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार के लिए संस्थान को सुपुर्द किया गया था, लेकिन अंतिम संस्कार पर ले जाने के दौरान मृत रोहिताश जिंदा हो गया। आनन-फानन में रोहिताश को अस्पताल लाया गया। जहां उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया है।

तीन डॉक्टर सस्‍पेंड, विभागीय जांच शुरू

मामले की जांच के बाद तीन डॉक्‍टरों को सस्‍पेंड कर दिया गया है। जो सस्‍पेंड हुए हैं उनमें बीडीके अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप पचार, डॉ. योगेश जाखड़ और डॉ. नवनीत मील श‍ामिल हैं। 

इसे भी पढ़ें- बैच 1979, कैडर मणिपुर…गाजियाबाद में फर्जी IPS, कमिश्नर पर गांठा रौब; बस एक डिमांड ने खोल दी पोल