
Baba Siddique Son Zeeshan Siddique: एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद उनके बेटे जीशान सिद्दीकी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पिता के अंतिम संस्कार पर वो फूट-फूटकर रोए थे। अब जीशान लगातार सोशल मीडिया के जरिए बाबा सिद्दीकी के हत्यारों को ललकार रहे हैं। रविवार को जीशान ने एक पोस्ट कर लिखा कि उनके पिता एक शेर थे मेरे रगों में भी शेर का खून दौड़ रहा है।
जीशान सिद्दीकी ने इससे पहले एक और पोस्ट किया था जिसमें लिखा था कि बुजदिल डराया करते हैं अक्सर दिलेर को, धोखे से मार देते हैं गीदड़ भी शेर को। अब उन्होंने एक बार फिर अपने पिता के हत्यारों को ललकारते हुए बड़ी बात बोल दी है।
पिता के हत्यारों को जीशान सिद्दीकी ने ललकारा
बता दें कि बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में एक के बाद एक कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। क्राइम ब्रांच के मुताबिक शूटरों के टारगेट पर सिर्फ एनसीपी नेता नहीं बल्कि उनके बेटे भी थे। मुंबई पुलिस ने पुष्टि की है कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी के फोन में जीशान सिद्दीकी की तस्वीर मिली है। पुलिस के अनुसार, ये तस्वीर आरोपियों के हैंडलर ने स्नैपचैट के जरिए उनसे साझा की थी। बता दें कि बाबा सिद्दीकी की मौत की जिम्मेदारी कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। हालांकि, इसके बावजूद जीशान सिद्दीकी झुकने को तैयार नहीं हैं और वो लगातार अपने पिता के हत्यारों को ललकार रहे हैं।
जीशान सिद्दीकी ने आगे लिखा कि अब जो लोग उन्हें मारकर मुझपर नजरें गड़ाए हुए हैं कि वे जीत गए हैं, मैं उनसे कहता हूं- मेरी रगों में शेर का खून दौड़ता है। मैं अभी भी यहां हूं, निडर और अटूट। उन्होंने मेरे पिता को मार दिया लेकिन मैं उनके स्थान पर खड़ा हो गया। यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। आज, मैं वहीं खड़ा हूं जहां वो खड़े थे, जीवित, अथक और तैयार।
बाबा सिद्दीकी की हत्या कैसे हुई?
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर की रात मुंबई के पॉश इलाके बांद्रा में उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्हें सीने में दो गोलियां लगी थीं। जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने अब तक 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें हरियाणा निवासी गुरमैल बलजीत सिंह, उत्तर प्रदेश के रहने वाले धर्मराज राजेश कश्यप शामिल हैं। वो दोनों कथित शूटर हैं। गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों में हरीश कुमार बालकराम निषाद और शुभम लोनकर का भाई प्रवीण लोनकर हैं। प्रवीण पुणे का रहने वाला है।
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