Parliament Session: संसद के भीतर हंगामा बरकरार है। लोकसभा को विपक्ष के नेताओं ने चलने नहीं दिया तो राज्यसभा में जॉर्ज सोरोस के साथ कांग्रेस के कनेक्शन को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। बीजेपी ने सदन में बार-बार सोरोस के साथ कथित संबंधों को लेकर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की। इसी दौरान विपक्ष के नेताओं ने सदन की कार्यवाही पर सवाल उठाए। इसी शोर शराबे को लेकर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ दुखी हो गए और उन्होंने यहां तक कह दिया है कि इससे उनके दिल चोट लगती है।
राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर देश में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रही ताकतों का ‘उपकरण’ बनने का आरोप लगाया। नड्डा ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस उन तत्वों के साथ मिल रही है, जिनकी हरकतें भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही हैं। उन्होंने इन मुद्दों पर एक संरचित बहस का आह्वान किया, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। जवाब में, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नड्डा के आरोपों का जोरदार खंडन किया। तभी खड़गे ने स्पीकर की ओर भी सवाल उठाए, जिस पर काफी बहस हुई। बाद में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी सदन की कार्यवाही पर सवाल उठाए।
मुझे पीड़ा होती है- जगदीप धनखड़
संजय सिंह को जवाब देते हुए जगदीप धनखड़ ने अपना दुख व्यक्त किया। संजय सिंह ने अपने बयान में कहा था- ‘कई महत्वपूर्ण विषय लगे हुए हैं। हमने सहमति जताई है कि प्रश्नकाल और शून्यकाल में कोई व्यवधान ना हो, सदन चलना चाहिए।’ संजय सिंह की इसी बात को आगे बढ़ाने हुए जगदीप धनखड़ ने कहा- ‘मुझे कितनी पीड़ा होती होगी, जो बात आप कह रहे हैं, वो पिछले सप्ताह में भूल गए।’ धनखड़ का इशारा पिछले हफ्ते में बार-बार विपक्ष की ओर से सदन को बाधित करनी की ओर था। उन्होंने आगे कहा- ‘मेरे दिल को चोट लगती है। मुझे पीड़ा होती है।’ इस दौरान उन्होंने सत्तापक्ष की ओर भी इशारा किया था।
AAP सांसद की तुलना महाभारत के संजय से की
इसके बाद संजय सिंह को सभापति ने फिर से पिछले एक हफ्ते सदन में हुए हंगामे को याद कराया। सभापति ने कहा- ‘संजय सिंह ये सोचिए कि पिछले 5 दिन भी आपके सामने थे।’ इसी दौरान जगदीप धनखड़ ने महाभारत के संजय से उनकी तुलना कर डाली। सभापति ने कहा कि ‘मैं रविवार को कुरुक्षेत्र में था, जहां गीता महोत्सव था। मुझे संजय की याद आई कि संजय ने धृतराष्ट्र को पूरा वर्णन बताया। आपने भी पूरा वर्णन देखा है। आपने पहले हफ्ते में देखा कि उसे कैसे धोया गया।’
सभापति ने कार्यवाही में व्यवधान पर चिंता व्यक्त की
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इससे पहले संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान बोलते हुए सदन की कार्यवाही में व्यवधान पर चिंता व्यक्त की और कहा कि वर्तमान सत्र ऐसे समय में शुरू हुआ है जब देश भारतीय संविधान को अपनाने के 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने संसद के सभी सदस्यों से सदन की पवित्रता का सम्मान करने और इसके कामकाज में बाधा डालने वाली कार्रवाइयों से बचने का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि किसी को भी सदन को पंगु नहीं बनाना चाहिए।
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