गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राजग सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘हमारी योजना इस सरकार के कार्यकाल के दौरान ही ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की व्यवस्था लागू करने की है। संवाददाता सम्मेलन में शाह के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे।
पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की जोरदार वकालत की थी और कहा था कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है। मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था, ‘‘देश को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए आगे आना होगा।’’
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ भाजपा द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए प्रमुख वादों में से एक है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने इस साल मार्च में पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी। समिति ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने की भी सिफारिश की।
इसके अलावा, विधि आयोग द्वारा सरकार के सभी तीन स्तरों लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों जैसे नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए 2029 से एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश किए जाने की संभावना है। वह त्रिशंकु सदन या अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की स्थिति में एकता सरकार का प्रावधान करने की सिफारिश भी कर सकता है।
कोविंद समिति ने एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था लागू करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की। उसने 18 संवैधानिक संशोधन करने की सिफारिश की जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभाओं के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। हालाँकि, इसके लिए कुछ संविधान संशोधन विधेयकों की आवश्यकता होगी जिन्हें संसद द्वारा पारित किया जाना आवश्यक होगा