योगी सरकार बेचेगी परवेज मुशर्रफ की 13 बीघा जमीन, खरीदनी है तो लगाएं बोली

विभाजन से पहले मुशर्रफ का परिवार बागपत जिले के कोताना गांव में रहता था। उनके पिता मुशर्रफुद्दीन और मता बेगम जरीन दोनों ही इसी गांव की रहने वाली थीं। यह परिवार आजादी से पहले 1943 में दिल्ली जाकर रहने लगा।