VHP Leader Vinod Bansal on Jamia Millia Controversy: दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में मंगलवार (22 अक्टूबर) को दिवाली मनाए जाने को लेकर छात्रों के दो गुटों में झड़प हो गई। इसके बाद वहां पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। इस मामले में आरोप है कि दिवाली कार्यक्रम को दौरान कुछ लोगों ने वहां बनाई गई रंगोली और दीयों के साथ छेड़छाड़ की, जिसके बाद वहां हंगामा हो गया था। इस हंगामें के बाद जामिया विश्वविद्यालय के कैंपस के गेट नंबर-7 के पास नारेबाजी भी हुई। फिलहाल अब पुलिस की तैनाती के बाद ये मामला शांत है। अब इस मुद्दे पर विश्व हिन्दू परिषद के नेता विनोद बंसल की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इन उपद्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वीएचपी नेता विनोद बंसल ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर इस घटना को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। विनोद बंसल ने लिखा, ‘क्या भारत में ही भारत माता की जय बोलना अपराध हो गया? क्या यहां दीपावली मनाना भी प्रतिबंधित हो गया? क्या देश की राजधानी में और वह भी एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर में रंगोली भी विवाद का कारण बन सकती है? क्या ‘अल्लाह हू अकबर’ वह ‘फिलिस्तीन जिंदाबाद’ के नारे एक केंद्रीय विश्वविद्यालय में उचित हैं? ज्ञान के केंद्र में अज्ञानता, अंधकार व राष्ट्र विरोध का इतना प्रभाव कि विद्यार्थी प्रकाश पर्व #ज्योतिर्गमय_2024 भी ना मना सकें, यह चिंतनीय है। विश्व विद्यालय प्रशासन व स्थानीय सरकार द्वारा उपद्रवियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही जरूरी है।
क्या था मामला?
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दिवाली समारोह के दौरान छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प हुई जिसके बाद एहतियात के तौर पर परिसर के द्वार के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना मंगलवार रात को हुई लेकिन इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। दिवाली कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय कला मंच (आरकेएम) ने किया था, जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ा है।
ABVP ने क्या कहा?
एबीवीपी ने कहा है कि वह बुधवार शाम को फिर से ‘दीप महोत्सव’ आयोजित करेगी। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद शकील से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने संदेशों और फोन कॉल का कोई जवाब नहीं दिया। पुलिस के अनुसार छात्रों के एक समूह ने दिवाली समारोह में बाधा डाली जिसके बाद दोनों समूह के बीच झड़प हुई। विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति पर काबू पाया गया और छात्र वहां से चले गए।कुछ ऐसे कथित वीडियो सोशल मीडिया में आए हैं जिनमें परिसर के अंदर छात्र ‘सांप्रदायिक’ नारे लगा रहे हैं।
अगर इफ्तार पार्टी की इजाजत, तो ‘दीप महोत्सव’ की भी मिले इजाजतः ABVP
एक अधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय के अंदर तनाव की सूचना मिलने के बाद एहतियात के तौर पर गेट के बाहर और परिसर के आसपास पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थानीय पुलिस को परिसर के आसपास निगरानी बढ़ाने को कहा गया है। एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह के अनुसार इस घटना का छात्रों पर कोई असर नहीं पड़ा है और वे बुधवार शाम को परिसर में ‘दीप महोत्सव’ आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, शैक्षणिक संस्थानों में सभी त्योहार मनाने की आजादी होनी चाहिए। यदि परिसर में इफ्तार पार्टी आयोजित की जा सकती है तो दिवाली समारोह की भी अनुमति दी जानी चाहिए।
ABVP ने मामले में दर्ज करवाई शिकायत
हमें इस कार्यक्रम (जो मंगलवार शाम को आयोजित किया गया था) के लिए प्रॉक्टर कार्यालय से अनुमति मिली थी। आशुतोष सिंह ने कहा, वहां मुस्लिम छात्रों के अलावा अन्य छात्र भी हमारे साथ जश्न मना रहे थे लेकिन कुछ कट्टरपंथी तत्व वहां आ गए और मारपीट की। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विश्वविद्यालय ने हिंसा को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। सिंह ने कहा कि एबीवीपी इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगी।