Rashtra Sarvopari Sammelan 2024: रिपब्लिक भारत के ‘राष्ट्र सर्वोपरि सम्मेलन’ में लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने अपने मधुर कंठ से समा बांधा। उन्होंने लोक गीतों पर चर्चा करने के साथ ही राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पर बात की। मालिनी अवस्थी देश की उन चुनिंदा हस्तियों में से एक हैं, जो अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुई थी और उन्होंने राम भजन भी गाए थे।
अपनी सुरीली आवाज से ‘राष्ट्र सर्वोपरि सम्मेलन’ में लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने समां बांध दिया। मालिनी अवस्थी ने राम लला के प्राण प्रतिष्ठा में सोहर गाने को लेकर कहा कि प्राण प्रतिष्ठा में मुझे गाने का मौका मिला तो ऐसा लगा कि मेरे पुर्वजों की कामना सफल हो गई। उन्होंने कहा कि समय का पहिया घूमकर वापस आता है। उन्होंने 2005 के एक वाक्य का भी जिक्र किया।
‘जब राम पर गाना गाने से बीच रोक दिया’
मालिनी अवस्थी ने 2005 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दूरदर्शन में एक रिकॉर्डिंग करते समय मुझे गाना गाने मुझे रोक दिया गया था। उसमें शब्द आ रहे थे ‘लेईलें जन्म अयोध्या में हो राजा…’ उनको रामलला के अयोध्या में जन्म पर आपत्ति थी। उन्होंने कहा कि यह मत कहिए कि राम अयोध्या में जन्मे। यह भी दिन आया कि रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में हुई। मालिनी अवस्थी ने रिपब्लिक भारत के ‘राष्ट्र सर्वोपरि सम्मेलन’ में आज वो ही अंतरा, राम जी के भइले जनमवा चला हो, करि आई दरशनवा… गाकर सुनाया।
मालिनी अवस्थी हुईं आहत
मालिनी अवस्थी ने बिना नाम दिए विपक्ष के रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा को नाच गाने का कार्यक्रम बताने पर अपनी आपत्ती जताई। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों से बुहत आहत होती हूं। उन्होंने कहा कि मुझे उस बयान से बहुत ठेस पहुंची। सार्वजिनक मंच से ये कहा कि रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा नाच-गाने का कार्यक्रम था, मेरे कलाकार मन को इसलिए ठेस पहुंची। क्योंकि उस दिन मन में, कंठ में कुछ था तो वो प्राथनाएं थी। पूरे भारत से मंगल वाद्य मंगाए थे। जिस समय वो बज रहे थे आंखों से आंसू बह रहे थे, उस दिन भक्ति और श्रद्धा का दिन था।
ये भी पढ़ें: ‘राहुल राजनीति न देश के लिए कर रहे हैं और न विपक्ष के लिए वो…’, स्मृति ईरानी का ताबड़तोड़ हमला