Piyush Goyal in Rashtra Sarvopari Sammelan 2024: रिपब्लिक भारत के राष्ट्र सर्वोपरि सम्मेलन में ‘सत्ता का संदेश’ विषय पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपने विचार रखे। इस दौरान उन्होंने देश में हो रही जातिगत राजनीति और शंका पॉलिटिक्स (Politics of Doubt) को काउंटर करने पर अपनी बात रखते नजर आए।
केंद्रीय मंंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जनता बहुत समझदार है। भारत के लोग अच्छे से समझते हैं कि देश में जो चुनाव की प्रणाली हैं, वो शायद विश्व की सबसे अच्छी, टिकाऊ, ईमानदार और सरल प्रक्रिया है।
चर्चा के दौरान जब रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने कहा कि शंका पॉलिटिक्स (Politics of Doubt) को काउंटर क्यों नहीं कर रहे? ये गलत है। उन्होंने जातिगत राजनीति पर भी सवाल किए। अर्नब गोस्वामी ने कहा कि जब राहुल गांधी रेलवे में जाकर वर्कस को कह रहे हैं कि आप महादलित हो। रेलवे जो देश को जोड़ती है, वो कह रहे हैं कि आप देश को जाति के आधार तोड़ दें… क्या इसे काउंटर करने की जरूरत नहीं है?
‘देश को बांटने वाली सोच को बढ़ावा नहीं देना’
जवाब में पीयूष गोयल ने कहा कि इस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति, समाज को बांटने की राजनीति… हम सबको इस सोच को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। मैं आपके सभी दर्शकों से अपील करूंगा कि हम सबको मिलकर देश को संगठित बनाना है। 15 अगस्त 2022 को पीएम मोदी ने पंच प्रण का संकल्प लेकर देश की एकता और एकजुटता की बात की थी। विकसित भारत का संकल्प लिया था। वो तभी संभव है जब हम देश को एक कड़ी में जोड़ें, एक माला में पिरोए।
अर्नब गोस्वामी ने इस दौरान कहा कि मुझे गुस्सा भी आता है और डर भी है। कुछ लोग झूठ को मान लेते हैं। राहुल को चुनाव के पहले सेना में कहा था कि अगर आप मुसलमान है, अल्पसंख्यक या पिछड़ी जाति हैं तो बड़े अवसर नहीं बन पाएंगे। ये कितना बड़ा झूठ है। मुझे नहीं लगता कि इन्हें अनदेखा किया जा सकता है।
‘हमारी सरकार कभी जाति-धर्म देखकर काम नहीं करती’
इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि आपकी चिंता स्वाभाविक है। हम इस पर आगे कदम उठाएंगे। जात-पात, धर्म और भाषा में देश को नहीं बांटना है। वोट बैंक पॉलिटिक्स और तुष्टिकरण की राजनीति का तीव्रता से जिम्मेदारी के साथ मुकाबला करेंगे। जनता भी पूरा विश्वास है हमारे साथ हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार कभी जाति-धर्म देखकर काम नहीं करती। हमारी राजनीति में आपने कभी नहीं देखा होगा जब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज, 55 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलती हैं, 12 करोड़ शोचालय बने या 12 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचा…. क्या किसी का हमने जाति-धर्म देखा? हर व्यक्ति तक हर योजना पहुंचे… ये हमारी जिम्मेदारी है।
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