‘राहुल से पूछना चाहता हूं-सनातन कोरोना है मलेरिया है, दम है तो…’,देवता वाले बयान पर भड़के राजू दास

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Mahant Rajudas on Rahul Gandhi : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विदेशी धरती से हिन्दू देवी देवताओं को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर अब अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने पलटवार किया है। उन्होंने राहुल गांधी से पूछा है कि क्या वो हिन्दू देवी देवताओं के अलावा किसी और धर्म पर आपत्तिजनक बयान दे सकते हैं? क्या राहुल गांधी नबी या फिर मोहम्मद साहब को लेकर ऐसी बयानबाजी कर सकते हैं जैसी कि वो सनातन या हिन्दू धर्म को लेकर किया करते हैं। आपको बता दें कि टेक्सास में राहुल गांधी कहा कि ‘देवता का अर्थ ईश्वर नहीं है’। उनके इस बयान पर अब सियासी घमासान मचा हुआ है।

महंत राजू दास ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा, ‘विदेश की धरती पर जिस प्रकार से राहुल गांधीजी ने दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से देवताओं पर जो टिप्पणी की है, हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं, निंदा करते हैं। सनातनी राहुल गांधी के इस बयान से आहत हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि राहुल गांधी से कि आखिर सनातन कोरोना है, डेंगू है, मलेरिया है, टाइफाइड है ये बातें जो कहता है वो उसके सहयोगी बन जाते हैं। मंदिर में नौजवान जाते हैं लड़कियां छेड़ने के लिए। हिन्दू हिंसक हैं, राहुल गांधी ऐसे शब्दों का प्रयोग सिर्फ सनातन के लिए करते हैं।’

महंत राजूदास राहुल को दी चुनौती अगर दम है तो नबी या मोहम्मद साहब…

महंत राजू दास ने आगे कहा कि अगर राहुल गांधी में दम हो तो वो ऐसे बयान किसी अन्य मजहब, अन्य धर्म या अन्य संप्रदाय के खिलाफ देकर देखें। क्या राहुल गांधी नबी के लिए ऐसा बोल सकते हैं? मोहम्मद साहब के लिए वो ऐसा बोल सकते हैं?  किसी अन्य मजहब के बारे में ऐसा बोल सकते हैं क्या? नहीं क्योंकि हम हिन्दू हैं इसलिए आप बोल सकते हैं कोई दिक्कत नहीं है। मैं सनातनी और एक हिन्दू धर्मगुरु होने के नाते ये कहता हूं कि राहुल गांधी का मानसिक दिवालियापन आ गया है। अब इसको ठीक करने का एक ही चारा है जिसकी राहुल गांधी को जरूरत है।

राहुल गांधी ने बताई ‘देवता’ की विवादित परिभाषा

राहुल गांधी ने बताया कि ‘देवता’ शब्द को अक्सर दैवीयता के साथ जोड़कर गलत समझा जाता है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘भारत में देवता का मतलब वास्तव में एक ऐसा व्यक्ति है जिसकी आंतरिक भावनाएं उसकी बाहरी अभिव्यक्ति के समान ही हैं, जिसका अर्थ है कि वो पूरी तरह से पारदर्शी व्यक्ति है, इसका मतलब भगवान नहीं है। अगर कोई व्यक्ति मुझे वो सब कुछ बताता है, जो वो मानता है या सोचता है और इसे खुले तौर पर व्यक्त करता है, तो वो देवता की परिभाषा है। हमारी राजनीति के बारे में दिलचस्प बात ये है कि आप अपने विचारों को कैसे दबाते हैं, आप अपने डर, लालच या महत्वाकांक्षाओं को कैसे दबाते हैं और दूसरे लोगों के डर और महत्वाकांक्षाओं का निरीक्षण कैसे करते हैं।’

अमेरिका में राहुल ने की चीन की तारीफ

यही नहीं, विदेशी धरती पर राहुल गांधी ने भारत की कमियां गिनाई और चीन की तारीफ की। कांग्रेस नेता ने कहा कि पश्चिम में रोजगार की समस्या है। भारत में रोजगार की समस्या है, लेकिन दुनिया के कई देशों में रोजगार की समस्या नहीं है। चीन में निश्चित रूप से रोजगार की समस्या नहीं है। राहुल गांधी ने बेरोजगारी के कारण युवाओं के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में बात की और कहा कि उत्पादन के कार्य से नौकरियां पैदा होती हैं। लेकिन भारत उपभोग को व्यवस्थित करता है, जो चिंता का कारण है।

 

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