Railway Minister Ashwini Vaishnav: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘कवच 4.0’ सिस्टम का निरीक्षण किया, इस दौरान रेलवे की सुरक्षा में हुए बदलावों पर बातचीत की गई। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम की शुरुआत 2016 में हुई थी और इसका चौथा वर्जन 16 जुलाई 2024 को मंजूर हुआ। इसका पहला इंस्टॉलेशन कोटा से सवाई माधोपुर के बीच किया गया है।
कवच 4.0 ड्राइवर को वक्त पर सिग्नल दिखाता है और स्पीड कंट्रोल कर सकता है। अगर ड्राइवर ब्रेक न लगा सके तो कवच ऑटोमेटिकली ब्रेक लगा देता है जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी। गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों के लिए 12,500 जनरल कोच मैन्युफैक्चर किए जा रहे हैं।
रेलवे देश की लाइफलाइन है- अश्विनी
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, ‘अमृत भारत ट्रेन में 22 में से 11 कोच स्लीपर और 11 जनरल होंगे।’ इसके अलावा, रेल हादसों पर सीएम ममता बनर्जी की तरफ से उठाए गए सवालों पर रेल मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि, ‘UPA के कार्यकाल में हर साल औसतन 171 हादसे होते थे, जबकि वर्तमान सरकार में यह संख्या काफी कम हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने रेलवे की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और इस साल अब तक सिर्फ 20 हादसे हुए हैं। अश्विनी वैष्णव ने संदेश दिया कि रेलवे देश की लाइफलाइन है और इसमें सभी का सहयोग जरूरी है।
ओवर स्पीड पर बजेगा अलार्म
रेलवे द्वारा कवच 4.0 रेलवे सुरक्षा प्रणाली के लिए रेलवे ने सवाई माधोपुर और कोटा के बीच 130 टावर स्थापित किए हैं। इसके लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है। इस ट्रैक पर 78 कवच भवन का निर्माण किया गया है। साथ ही 178 सिग्नलिंग इंटरफेस और एक एसपीएलएस नेटवर्क का निर्माण किया गया। रेलवे ने कवच 4.0 के तहत एक ऐसा स्वचालित सिस्टम तैयार किया है, जिसमें ट्रेन की निर्धारित स्पीड से 2 किमी प्रति घंटा से ज्यादा की स्पीड होने पर कवच ओवर स्पीड अलार्म बजाएगा। ट्रेन की निर्धारित स्पीड से 5 किमी प्रति घंटा से ज्यादा होने पर ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाएंगे।
सिस्टम तुरंत करेगा अलर्ट
वहीं, ट्रेन की निर्धारित स्पीड से 9 किमी प्रति घंटा से ज्यादा होने पर पर इमरजेंसी ब्रेक लग जाएंगे। कवच सिस्टम पर इंटरलॉकिंग लगाई गई है, जिससे अगले सिग्नल को पढ़कर उसके आस्पेक्ट को रेडियो तरंगों के माध्यम से सीधे इंजन में प्रदशित कर देगा। इससे 160 किमी की रफ्तार में पायलट को सिग्नल पढ़ने में सुविधा होगी। उसे लाइन पर लगे सिग्नल पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। अगर लोको पायलट ट्रेन संचालन में कोई गलती करता है या भूल होती है तो सिस्टम तुरंत अलर्ट करेगा और आपात स्थिति में ब्रेक लगा देगा।
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