रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर अपील की है। मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम उमर ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को भूख और ठंड में मरने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, “यह एक मानवीय मुद्दा है। केंद्र सरकार को तय करना चाहिए कि उनके साथ क्या किया जाना चाहिए। अगर वे कर सकते हैं तो उन्हें वापस भेज देना चाहिए। और अगर हम उन्हें वापस नहीं भेज सकते हैं, तो हम उन्हें भूख या ठंड से मरने नहीं दे सकते। जब तक वे यहां हैं, हमें उनका ख्याल रखना होगा। हम उन्हें यहां नहीं लाए हैं। अगर केंद्र सरकार की नीति बदल गई है, तो उन्हें जहां भी जाना है, ले जाना चाहिए। लेकिन जब तक वे यहां हैं, उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता। वे इंसान हैं और उनके साथ इंसानों जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए।”
इंडी ब्लॉक की बैठक को लेकर क्या बोले सीएम उमर?
INDI ब्लॉक पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “लोकसभा चुनाव के बाद INDI ब्लॉक की कोई बैठक नहीं हुई है, इसलिए नेतृत्व परिवर्तन का सवाल कहां उठता है? बैठक होने दीजिए। ममता बनर्जी चाहें तो नेतृत्व का दावा करें, वहां उसपर बहस होगी।”
पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग
जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग पर उन्होंने कहा, “हमें पूर्ण राज्य का दर्जा चाहिए। संसद में वादा किया गया है। जम्मू-कश्मीर का हक है कि यहां रियासत हो। रियासत की हुकूमत लोगों ने चुनी है, अब उस हुकूमत को काम करने की इजाजत होनी चाहिए।”
विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बांग्लादेश यात्रा पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “बांग्लादेश और हमारे देश के रिश्तों में थोड़ा तनाव है, विदेश सचिव वहां बैठकें कर रहे हैं, रिश्तों को सुधारने की कोशिश की जा रही है। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ हमारे रिश्ते अच्छे रहें।”
इसे भी पढ़ें: ‘बांग्लादेश में हिन्दू स्त्रियों के साथ… इसलिए एक हो जाओ वरना’, साध्वी ऋतंभरा ने भरी हुंकार