शक्ति प्रदर्शन का दौर; उमर के बहाने पहले INDI, अब सैनी की शपथ के दिन NDA दिखाएगा ताकत

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हालिया विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद जम्मू कश्मीर में सरकार गठन हो चुका है और हरियाणा में शपथ ग्रहण की बारी है। उसके पहले ही महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए कार्यक्रम घोषित किए जा चुके हैं, जिसकी बदौलत राजनीतिक पार्टी एक बार फिर चुनावी मोड़ में आ चुकी हैं। पार्टियों ने आगामी चुनावों के हिसाब से जम्मू कश्मीर और हरियाणा की सियासत के बहाने शक्ति प्रदर्शन का दौर भी शुरू कर दिया है। जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में INDI गठबंधन के दलों का जुटान हुआ तो अब हरियाणा के बहाने बीजेपी नीत NDA गठबंधन शक्ति प्रदर्शन करने जा रहा है।

पंचकूला में गुरुवार को पहले नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होना है। हरियाणा में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनी है और नायब सिंह सैनी दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा बनेंगे। एनडीए के सभी नेताओं को यहां बुलाया गया है। इसे एनडीए के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। क्योंकि शपथ के बाद ही एनडीए के नेताओं की चंडीगढ़ में बैठक होगी।

चंडीगढ़ में जुटेंगे एनडीए के नेता

चंडीगढ़ में एनडीए के नेता जुटेंगे। दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक चंडीगढ़ में एनडीए की एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनडीए की बैठक को संबोधित करेंगे। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ सिंधे, उप-सीएम अजित पवार, मेघालय के सीएम कोनराड संगमा, नागालैंड के सीएम निफू रियो और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के साथ-साथ एनडीए के सभी 31 घटक दलों के अध्यक्ष और प्रमुख नेता शामिल होने की उम्मीद है।

NDA की मीटिंग का एजेंडा क्या?

ये एकदम साफ है कि चंडीगढ़ में एनडीए नेताओं का जुटना राजनीतिक परिदृश्य को आकार देगा। बैठक की अहमियत इसलिए भी है कि केंद्र में एनडीए की तीसरी बार सरकार बनने के बाद ये पहली मीटिंग होगी। चर्चा में संभवतः गठबंधन का भविष्य, महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे शामिल रहेंगे। बैठक के एजेंडे में आगामी विधानसभा चुनाव और उनमें गठबंधन की भूमिका पर चर्चा संभव है। क्योंकि बैठक महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले हो रही है।

श्रीनगर में उमर के बहाने एकजुट हुआ INDI गठबंधन

16 अक्टूबर 2024 को उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। जम्मू कश्मीर में एक तरीके से INDI गठबंधन के दो दलों नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई है। जम्मू कश्मीर में लंबे अंतराल के बाद हुए चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस को बढ़त मिली, लेकिन बहुमत से दूर रही। ऐसे में निर्दलीय और कांग्रेस विधायकों के समर्थन से उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ। उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह के सहारे यहां INDI गठबंधन के दलों ने अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की, जो अन्य राज्यों में एक दूसरे से ही प्रतिस्पर्धा करने में लगे हैं।

श्रीनगर में INDI गठबंधन के लगभग सारे दल जुटे, जिसमें कांग्रेस, पीडीपी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, लेफ्ट समेत अन्य पार्टियां शामिल हैं। लोकसभा चुनावों के बाद ये पहला मौका देखा गया, जब सारे विपक्षी दल एक मंच पर आए। यहां से आगामी चुनावों के लिए एक संदेश देने की कोशिश की गई।

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महाराष्ट्र-झारखंड में होगी गठबंधनों की सीधी फाइट

महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA और विपक्ष के INDI गठबंधन दोनों के लिए अहम हैं। आम तौर पर राज्यों में बीजेपी विरोधी पार्टियों ने INDI गठबंधन होने के बावजूद अलग चुनाव लड़ा है। हालांकि महाराष्ट्र और झारखंड में गठबंधनों के बीच ही फाइट होगी। दोनों राज्य ऐसे हैं, जहां महाराष्ट्र में बीजेपी, शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की एनसीपी गठबंधन की सरकार है तो झारखंड में INDI गठबंधन की झामुमो-कांग्रेस-राजद और लेफ्ट पार्टियां मिलकर सरकार चला रही हैं।

महाराष्ट्र में एक तरफ NDA मतलब महायुति यानी बीजेपी, शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की पार्टी एनसीपी होगी तो सामने INDI गठबंधन यानी एमवीए मतलब- कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी होगी। झारखंड में एनडीए मतलब बीजेपी बनाम INDI गठबंधन यानी झामुमो-कांग्रेस-राजद और लेफ्ट के बीच लड़ाई देखी जा सकती है। बहरहाल, मसलन हरियाणा और जम्मू कश्मीर के ताजा अनुभव के बाद NDA और INDI गठबंधन दोनों के लिए झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव एक असल परीक्षा जैसे होंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ( Maharashtra Assembly Election )

26 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल पूरा हो रहा है। उसके पहले राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी है। 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए एक ही चरण में 20 नवंबर को वोटिंग होगी। 23 नवंबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। महाराष्ट्र के 36 जिलों के 288 सीटों में से 234 सामान्य श्रेणी, 25 एसटी के लिए आरक्षित और 29 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं।

झारखंड का चुनावी कार्यक्रम (Jharkhand Assembly Election)

झारखंड में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। पहले चरण में 13 नवंबर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। महाराष्ट्र के साथ ही 23 नवंबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं और विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को पूरा हो रहा है। पिछली बार 2019 में झारखंड में पांच चरण में चुनाव हुए थे। इस बार 2 चरणों में मतदान होगा।

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