केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में बलात्कार रोधी विधेयक पारित किए जाने को आर जी कर अस्पताल में बलात्कार-हत्या की घटना से ध्यान भटकाने की रणनीति करार दिया और मंगलवार को राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या संदेशखालि यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी को कानून के तहत मौत की सजा मिलेगी?
पिछले महीने कोलकाता के सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मद्देनजर विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में सर्वसम्मति से विधेयक पारित किया गया।
‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) 2024’ पेश किए जाने के बाद ममता ने विधानसभा में कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य त्वरित जांच, त्वरित न्याय प्रदान करना और दोषी की सजा बढ़ाना है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने संवाददाताओं से बातचीत में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर महिलाओं के प्रति ‘असंवेदनशील’ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘दीदी (बनर्जी) ने दबाव में कानून बनाया है। आर जी कर अस्पताल की बलात्कार-हत्या की घटना से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। वह इसे पहले क्यों नहीं लाईं? उन्होंने पहले सहानुभूति क्यों नहीं दिखाई?’’
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे चौहान ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान राज्य ने 2017 में ऐसा ही कानून बनाया था और इसके तहत अब तक 42 लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है। उन्होंने बनर्जी से जानना चाहा कि क्या आर जी कर मेडिकल कॉलेज मामले के दोषियों और तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता तथा संदेशखालि यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख जैसे लोगों को भी नए कानून के तहत मौत की सजा मिलेगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल के संदेशखालि इलाके में कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। उन्होंने कहा, ‘‘दीदी को जवाब देना चाहिए। क्या शाहजहां शेख जैसे लोगों को भी इस कानून के तहत मौत की सजा मिलेगी? ऐसा ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है। ऐसा कानून बनाने का कोई मतलब नहीं है।’’